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महिला कांस्टेबल बन गईं सुपरहीरो, ऐसे बचाई 76 बच्चों की जान

पुलिस की हेड महिला कांस्टेबल सीमा ढाका ने केवल 75 दिनों में 76 लापता बच्चों को खोज निकाला है। उन्हें कमिश्नर ने ‘Out-of-Turn-promotion’ दिया है।

Shreya
Published on: 19 Nov 2020 6:48 AM GMT
महिला कांस्टेबल बन गईं सुपरहीरो, ऐसे बचाई 76 बच्चों की जान
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महिला कांस्टेबल बन गईं सुपरहीरो, ऐसे बचाई 76 बच्चों की जान

नई दिल्ली: आज हम बात करने जा रहे हैं दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की हेड कांस्टेबल सीमा ढाका (Seema Dhaka) की, जिन्होंने लापता बच्चों (Missing Children) को बचाकर कई मां का आंचल उजड़ने से बचा दिया। जहां कई पुलिसवाले फील्ड पर काम करने से बचते हैं तो वहीं सीमा ने खुद बच्चों को तलाश करने का काम चुना और अपने सीनियर्स से भी इसके लिए अनुमति ली।

सीमा को मिला Out-of-Turn-promotion

बता दें कि दिल्ली पुलिस की हेड महिला कांस्टेबल सीमा ढाका को उनके इस अच्छे काम के लिए कमिश्नर ने ‘Out-of-Turn-promotion’ दिया। सीमा ने केवल 75 दिनों में 76 लापता बच्चों को खोज निकाला है। हेड कांस्टेबल सीमा ढाका का टारगेट था एक साल में 50 बच्चे को तलाशने की, लेकिन वो अपने टारगेट पर ध्यान ना देकर ज्यादा से ज्यादा बच्चों को तलाशना चाहती हैं। इसलिए वो दूसरे थाने के भी केस को सॉल्व किया करती हैं।



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ऐसे हुई थीं दिल्ली पुलिस में भर्ती

एक न्यूज चैनल से बात करते हुए सीमा ने बताया कि उनके घर में परिवार में कई सारे लोग टीचर हैं, ऐसे में उन्होंने भी ऐसे ही सब्जेक्ट को चुना जिससे वो टीचर बन सकें। लेकिन उन्होंने एक दिन यूं ही दिल्ली पुलिस की भर्ती का फॉर्म डाल दिया और पूरे कॉलेज में एक सीमा ही थीं, जिनका नंबर आया। ऐसे में सीमा ने सोचा कि उनमें कुछ खास है और वो कुछ बहुत अच्छा कर सकती हैं। इसलिए वो पुलिस में भर्ती हो गईं और उन्होंने साल 2006 में पुलिस की वर्दी पहन ली।

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खुद भी एक बच्चे की मां हैं सीमा

ढाका यूपी के बढ़ोत की रहने वाली सीमा की शादी भी एक पुलिस वाले से ही हुई हैं। सीमा एक आठ साल के बच्चे की मां भी हैं। ऐसे में सीमा का कहना है किजब भी वो किसी बच्चे के गुम होने की बात सुनती हैं तो उन्हें बहुत अजीब लगता है। सीमा कहती हैं कि मैं कभी ये सोच में भी बर्दाश्त नहीं कर पाती हूं कि किसी का बच्चा उससे पिछड़े। इसलिए उन्होंने एक मीटिंग में अपने अफसरों से गुमशुदा बच्चों को तलाशने वाली सेल में काम करने की इच्छा जाहिर की और सभी अफसरों ने उन्हें पूरा सपोर्ट भी किया।

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