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दिल्ली दंगे में बड़ा खुलासा: स्पेशल सेल ने बताया कैसे रची गई साजिश, पढ़ें पूरी खबर
इस एनिमेशन में स्पेशल सेल ने बताया है कि हिंसा वाली जगहों के सीसीटीवी कैमरों को खराब कर दिया गया। नहीं तो उनके साथ छेड़खानी कर उन्हें तोड़ दिया गया या दूसरी ओर मोड़ दिया। ताकि घटना कैमरे में कैद ना हो सके।
नई दिल्ली: बीते साल सीएए व एनसीआर के खिलाफ दिल्ली में हुए दंगों के मामले में बीते दिनों दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चार्जशीट दाखिल की है। जिसमें स्पेशल सेल ने पहली बार एनिमेशन के जरिए दंगों की साजिश को बेनकाब करने का दावा किया है। इस एनिमेशन को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तैयार किया है। जिसमें बताया गया है कि यह दंगा एक सुनियोजित साजिश थी।
एनिमेशन में पुलिस ने बताया कैसे रची गई साजिश
बता दें कि इस मामले में UAPA में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, ये सभी साजिश में शामिल थे। एनिमेशन में पुलिस ने खुलासा किया है कि कैसे नार्थ ईस्ट दिल्ली के चांद बाग इलाके में उपद्रवियों ने कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाईं और ड कॉन्स्टेबल रतन लाल की हत्या की। बताया जा रहा है कि चार्जशीट फोरेंसिक सबूतों और टेक्निकल सबूतों के आधार पर तैयार की गई है।
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घटनास्थल पर सीसीटीवी कैमरों को किया गया खराब
इस एनिमेशन में स्पेशल सेल ने बताया है कि हिंसा वाली जगहों के सीसीटीवी कैमरों को खराब कर दिया गया। नहीं तो उनके साथ छेड़खानी कर उन्हें तोड़ दिया गया या दूसरी ओर मोड़ दिया। ताकि घटना कैमरे में कैद ना हो सके। पुलिस ने बताया है कि चांद बाग में हुए दंगे से करीब बीस मिनट पहले तक सबकुछ साजिश के तहत किया गया। इसी दौरान दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की हत्या कर दी गई।
(फोटो- सोशल मीडिया)
साजिश के तहत हुई पूरी घटना
यही नहीं, इसी दंगे में DCP अमित शर्मा बुरी तरह घायल हुए और कई पुलिसकर्मी चोटिल हो गए। पुलिस को जांच में घटनास्थल के आसपास और कुछ दूर लगे FRS सिस्टम कैमरे की मदद से कामयाबी हासिल हुए। दंगे में शामिल उपद्रवियों को उनके मोबाइल फोन लोकेशन के आधार पर पकड़ा गया। स्पेशल सेल का कहना है कि इस पूरी घटना को साजिश के तहत अंजाम दिया गया।
पुलिस का कहना है कि जहां जहां पर सीसीटीवी कैमरे खराब थे, उन उन जगहों पर जमकर उपद्रव मचाया गया, आगजनी की गई, जान मान को नुकसान पहुंचाया गया। बताया गया है कि घटना स्थल के पास करीब तीस सीसीटीवी कैमरे खराब मिले। या तो उनके साथ छेड़खानी की गई, ताकि कैमरे में कुछ भी कैद न हो सके।
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(फोटो- सोशल मीडिया)
यहां से हुई हिंसा की शुरुआत
बताया गया है कि दंगों की शुरुआत 13 दिसंबर 2020 को जामिया और न्यू फ्रेंड्स कालोनी में हुई थी। उसके बाद 20 दिसंबर को सीलमपुर में दंगे हुए। इसके बाद DPSG नाम से एक व्हॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया। साथ ही जामिया कोर्डिनेशन कमेटी नाम का एक ऑर्गनाइजेशन बनाया गया। यहीं नहीं जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत आने की घोषणा हुई तो सभी धरना स्थल पर साजिश के तहत महिला एकता यात्रा प्रोग्राम भी हुआ।
इसके साथ ही पुलिस ने ये भी बताया है कि 16-17 फरवरी को चांद बाग धरना स्थल पर एक गुप्त बैठक हुए, जिसमें नार्थ ईस्ट धरना स्थल के सभी लीडर शामिल हुए। उसके बाद साजिश के तहत ही 22 फरवरी को जफराबाद मेट्रो साइट पर चक्का जाम किया गया। फिर इसी दिन सभी की एक मीटिंग हुई। इसके बाद सभी धरनास्थल पर 23 फरवरी को चक्का जाम और हिंसा के लिए भीड़ जुटाई जाने लगी।
23 फरवरी को देर शाम सीक्रेट मीटिंग की गई, जिसमें यह तय किया गया कि कैसे कैमरे का डायरेक्शन बदलना है या उसे डिस्कनेक्ट करना है। इसके बाद 24 फरवरी को दिल्ली पुलिस के जवानों पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया और फिर उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगा भड़काया गया।
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