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दिल्ली हिंसा: कौन है 25 मौतों का जिम्मेदार, यहां देखें जवाब

दिल्ली विधानसभा चुनाव में शाहीन बाग में जारी विरोध प्रदर्शन बड़ा मसला बनकर उभरा था जिसमें चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के द्वारा दिए गए एक बयान पर विपक्ष आगबबूला हो गया।

SK Gautam
Published on: 26 Feb 2020 2:00 PM GMT
दिल्ली हिंसा: कौन है 25 मौतों का जिम्मेदार, यहां देखें जवाब
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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देश में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं। CAA को लेकर दिल्ली के शाहीन बाग़ में लगभग दो महीनें से हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद यह विरोध प्रदर्शन अब खूनी हिंसा में तब्दील हो चूका है। बता दें कि इस खूनी हिंसा में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है और 150 के लगभग घायल हो चुके हैं।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन ने कैसे और कब खूनी हिंसा का रूप ले लिया यह सवाल सबके मन में है। आईये जानते हैं कि इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं या हो सकते हैं। दिल्ली की प्रदेश सरकार हो या केंद्र सरकार यदि समय पर कार्यवाई हुई होती तो क्या इसे रोका जा सकता था?

दिल्ली की हिंसा भड़काने में इन नेताओं के विवादित बयानों ने कहीं न कहीं भूमिका निभायी-

अनुराग ठाकुर का बयान

दिल्ली विधानसभा चुनाव में शाहीन बाग में जारी विरोध प्रदर्शन बड़ा मसला बनकर उभरा था जिसमें चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के द्वारा दिए गए एक बयान पर विपक्ष आगबबूला हो गया। अनुराग ठाकुर के इस बयान- 'देश को गद्दारों को । गोली मारो ....। को' ने भी दंगा भड़काने का काम किया।

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बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा का विवादित बयान

पश्चिम दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के बयान पर भी खूब बवाल हुआ।एक सभा में उन्होंने मुस्लिम समुदाय पर संगीन आरोप लगाए और कहा कि 11 फरवरी को अगर उनकी सरकार दिल्ली में आती है तो वह 1 घंटे में शाहीन बाग खाली करवा देंगे।

उनके बयान पर विपक्षी दलों की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया और सांसद से जवाब तलब करते हुए बीजेपी से उन्हें स्टार प्रचारक लिस्ट से हटाने का आदेश दिया। अब प्रवेश वर्मा ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि आयोग को उनके बयान से कोई परेशानी है।

कपिल मिश्रा के बयान ने हिंसा भड़काने में आग में घी का किया काम

कपिल मिश्रा अपने समर्थकों के साथ मौजपुर चौक की रेड लाइट पर पहुंचे और CAA के समर्थन में धरने पर बैठ गए। कपिल मिश्रा ने कहा था, कि 'ये यही चाहते हैं कि दिल्ली में आग लगी रहे। इसीलिए इन्होंने रास्ते बंद किए और इसीलिए ये दंगे जैसा माहौल बना रहे हैं। डीसीपी साहब, आप सबके सामने खड़े हैं।

मैं आप सबकी ओर से ये बात कह रहा हूं कि ट्रंप के जाने तक तो हम शांति से जा रहे हैं। लेकिन उसके बाद हम आपकी भी नहीं सुनेंगे अगर रास्ते खाली नहीं हुए तो। ठीक है? कपिल मिश्रा के इस बयान के दूसरे दिन ही हिंसा भड़क गई।

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आखिरकार सकते आई सरकार- उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश

आखिरकार बीते दिन बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर किये जा रहे बवाल को देखते हुए उत्तर पूर्वी दिल्ली में 4 जगहों पर कर्फ्यू लगाया गया। दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट इलाके में तो हालात बहुत ही गम्भीर हो गए जिसको देखेते हुए पुलिस ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी कर चुकी है। नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर हो रही हिंसा ने उग्र शक्ल अख्तियार कर ली है। सोमवार से अब तक तोड़फोड़ और आगजनी की गई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया शांति की अपील

बुधवार को दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों में मार्च किया। हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार को बयान दिया और दिल्लीवालों से शांति की अपील की। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी एक्शन में हैं। वह इस वक्त हिंसा प्रभावित नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हैं और हालात का जायजा ले रहे हैं।

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वहीं, हिंसा को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में भी सुनवाई हुई। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फरमान जारी किया है। हाई कोर्ट ने पुलिस को भड़काऊ वीडियो देख एकश्न लेने का निर्देश दिया है।

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