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डीजीसीए ने एयरलाइन कंपनियों से उड़ानों की संख्या बढ़ाने को कहा
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने हवाई किरायों में निरंतर वृद्धि को देखते हुए विमानन कंपनियों से उड़ानों की संख्या बढ़ाने को कहा है। नियामक ने इसको लेकर कंपनियों से बुधवार को तत्काल और मध्यम अवधि की योजना लाने का अनुरोध किया है।
नयी दिल्ली: नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने हवाई किरायों में निरंतर वृद्धि को देखते हुए विमानन कंपनियों से उड़ानों की संख्या बढ़ाने को कहा है। नियामक ने इसको लेकर कंपनियों से बुधवार को तत्काल और मध्यम अवधि की योजना लाने का अनुरोध किया है।
ये उड़ानें गर्मियों के दौरान मंजूर उड़ानों के अतिरिक्त होंगी। सरकारी अधिकारियों ने मंगलवार को यह कहा।
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एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘737 मैक्स विमानों को खड़ा कर दिये जाने तथा जेट एयरवेज की उड़ानों के निरंतर रद्द होने की वजह से हवाई यात्रा किरायों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसीलिए डीजीसीए लगातार एयरलाइन कंपनियों के अधिकारियों से मिल रहा है ताकि वे अतिरिक्त क्षमता बढ़ा सके।
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ये उड़ानें गर्मियों के दौरान मंजूर उड़ानों के अलावा होगी।’’ अधिकारियों के अनुसार विमानन कंपनियों से बुधवार को डीजीसीए दफ्तर में होने वाली बैठक में बाजार में अतिरिक्त क्षमता बढ़ाने को लेकर तत्काल और मध्यम अवधि के लिये योजना लाने का अनुरोध किया गया है।
पिछले कुछ सप्ताह से नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज अपने पट्टाधारकों को बकाये का भुगतान नहीं कर पा रही है। इसके कारण उसके कई विमान उड़ान नहीं भर पा रहे।
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नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने कहा है कि जेट एयरवेज 26 विमानों के बेड़े का परिचालन कर रही है और वह अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ानों के परिचालन का मानदंड पूरा करती है।
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार जेट एयरवेज के बेड़े में करीब 119 विमान हैं।
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इसके अलावा 10 मार्च को इथोपिया में 737 मैक्स-8 विमान हादसे के बाद डीजीसीए ने 12 मार्च को बोइंग 737 मैक्स-8 विमानों को तत्काल उड़ान भरने से रोकने का निर्णय किया। इन विमानों का उपयोग देश में एयरलाइन कंपनियां कर रही थी।
आदिस अबाबा के समीप हुए इथोपिया विमान हादसे में 157 लोग मारे गये थे जिसमें चार भारतीय थे।
(भाषा)