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JNU में 'सावरकर मार्ग' पर विवाद, आइशी घोष बोलीं ऐसे लोगों के लिए नहीं कोई स्थान

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU Campus) में एक सड़क का नाम विनायक दामोदर सावरकर रोड कर दिया गया है। जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष ने इसकी निंदा की है।

Aradhya Tripathi
Published on: 16 March 2020 10:32 AM GMT
JNU में सावरकर मार्ग पर विवाद, आइशी घोष बोलीं ऐसे लोगों के लिए नहीं कोई स्थान
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नई दिल्ली: पिछले साल विनायक दामोदर सावरकर की मूर्ति को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय में जम कर हंगामा हआ था। दिल्ली विश्वविद्यालय में हुए हंगामे के बाद दिल्ली के एक अन्य शैक्षणिक संस्थान में एक सड़क का नामकरण हिंदुत्व नेता सावरकर के नाम पर कर दिया है।

अब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU Campus) में एक सड़क का नाम विनायक दामोदर सावरकर रोड कर दिया गया है। सावरकर हिंदुत्ववादी विचारधारा के लिए जाने जाते हैं। यह मामला अब तूल पकड़ता नजर आ रहा है।

जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष ने इसकी निंदा की है।

पिछले काफी दिनों से चल रही थी चर्चा

जेएनयू एग्जिक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग में कुछ दिनों से इस पर चर्चा हो रही थी। बीते साल 13 नवंबर को इस का नाम वीडी सावरकर मार्ग रखने का फैसला लिया गया था। बताया जा रहा है कि उसी दौरान हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया था।

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हालांकि, मीटिंग में जेएनयू रोड को गुरु रविदास मार्ग, रानी अब्बाका मार्ग, अब्दुल हामिद मार्ग, महर्षि वाल्मिकि मार्ग, रानी झांसी मार्ग, वीर शिवाजी मार्ग, महाराणा प्रताप मार्ग और सरदार पटेल मार्ग नाम भी सुझाए गए थे।

इन नामों पर विचार करने के बाद जेएनयू एग्जिक्यूटिव काउंसिल ने वीडी सावरकर मार्ग के नाम पर सहमति जताई।

जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष ने बताया शर्मनाक

जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइषी घोष ने इस सड़क का नाम सावरकर मार्ग करने को शर्मनाक बताया है। आइशी ने अपने ट्विटर हैंडल से एक तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में साफ दिख रहा है कि सुबनसीर हॉस्टल को जाने वाली सड़क को वीडी सावरकर मार्ग नाम दिया गया है।

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आइशी घोष ने ट्वीट किया, 'ये जेएनयू की विरासत के लिए शर्म की बात है कि इस विश्वविद्यालय में सड़क का नाम इस व्यक्ति के नाम पर रखा गया है। सावरकर और उनके लोगों के लिए विश्वविद्यालय के पास न कभी जगह थी और न ही कभी होगी।'

DU में मूर्ति लगाने पर हुआ था हंगामा

पता हो कि पिछले साल दिल्ली यूनिवर्सिटी में विनायक दामोदर सावरकर की मूर्ति लगाए जाने को लेकर हंगामा हो गया था। तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष शक्ति सिंह ने बगैर अनुमति लिए नॉर्थ कैंपस स्थित आर्ट्स फैकल्टी के गेट पर वीडी सावरकर, सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह की प्रतिमाएं लगवा दी थीं।

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जिसके बाद कई छात्र संगठनों ने इस पर ऐतराज जताया था। कुछ छात्रों ने सावरकर की प्रतिमा पर काली स्याही पोत दी थी। अंत में भारी हंगामे के बाद आखिरकार प्रतिमाओं को वहां से हटाना पड़ा था।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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