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ट्रंप ने भारत को दी धमकी, राहुल बोले- सबसे पहले भारतीयों की चिंता करें पीएम मोदी
राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान को भारत का अपमान बताया है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत यदि दवा नहीं देगा तो अमेरिका बदला लेगा।
नई दिल्ली: राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान को भारत का अपमान बताया है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत यदि दवा नहीं देगा तो अमेरिका बदला लेगा।
उन्होंने ट्वीट किया, 'मित्रों में प्रतिशोध की भावना? जरूरत की इस घड़ी में भारत को दूसरे देशों की मदद जरूर करनी चाहिए, लेकिन जीवनरक्षक दवाएं पहले भारतीयों को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाए।'
राहुल की यह प्रतिक्रिया भारत सरकार की ओर से मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात से प्रतिबंध हटाने के बाद आई है।
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ट्रंप ने भारत को दी थी ये धमकी
ट्रम्प ने कहा कि अगर भारत हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के निर्यात पर लगा बैन नहीं हटाता तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है। मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि भारत ने अमेरिका के दवा के ऑर्डर को रोककर क्यों रखा है? अमेरिका के भारत से अच्छे रिश्ते हैं।
आश्चर्यचकित हूं कि इन सबके बावजूद वहां की सरकार हमें दवा भेजने को लेकर फैसला नहीं कर पा रही। शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत से गुहार लगाई थी कि बीमारी से निपटने के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की खेप भेजें।
विदेश मंत्रालय ने जवाब- हमें अपने लोगों का ख्याल है
विदेश विभाग के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ हमेशा से सहयोग किया और बेहतर संबंध रखे। कई देशों में भारत के लोग रह रहे हैं, कोरोना के चलते उन्हें निकाला गया।
मानवीयता के आधार पर सरकार ने फैसला लिया कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन और पैरासिटामॉल को पड़ोस के उन देशों को भी भेजा जाएगा, जिन्हें हमसे मदद की आस है।’’
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अमेरिका में 10 हजार से ज्यादा मौतें
इटली और स्पेन के बाद अमेरिका में मौतों का आंकड़ा 10 हजार से ज्यादा हो गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क स्टेट में पांच हजार मौतें हुई हैं। इनमें आधा से ज्यादा केवल न्यूयॉर्क सिटी में है।
वहीं, राज्य में एक लाख 20 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं और 16 हजार से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, अमेरिका ने एशियाई देश में फंसे अपने 29 हजार नागरिकों को 13 विशेष विमानों से अपने देश बुला लिया है।
ये नागरिक साउथ एंड सेंट्रल एशियाई देश भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान में फंसे हुए थे। यह जानकारी दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों की अमेरिका की सीनियर डिप्लोमेट एलिस वेल्स ने प्रेस वार्ता में दी। अकेले भारत में ही 1300 अमेरिकी नागरिक थे।
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