TRENDING TAGS :
सेना की देशी टैंक: दुश्मनों को करेंगी तबाह, जल्द 200 होवित्जर होंगी शामिल
मौजूद समय मे इंडियन आर्मी के तोपखानों के लिए 400 से ज्यादा आर्टिलरी गन की जरूरत हैं। भारत वैसे तो इजराइल से होवित्जर मंगवाने की तैयारी में है लेकिन उसके मुकाबले देश के पास देश मे गन बनाना ज्यादा बेहतर विकल्प है।
नई दिल्ली : लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के सैनिको के बीच झड़प होने और दोनों देशों में तनाव बढ़ने के बाद से ही भारत अपनी सैन्य ताकत को बढ़ा रहा हैं। इसी कड़ी में भारतीय सेना के लिये हथियारों व अन्य सामग्री के लिए जहां सरकार ने बजट जारी किया, तो भी राफेल जैसे दमदार मारक विमान को मंगवाया। वहीं अब सेना के लिए स्वदेशी गन तैयार हो रही है।
भारत तैयार कर रहा 200 होवित्जर
दरअसल, मौजूद समय मे इंडियन आर्मी के तोपखानों के लिए 400 से ज्यादा आर्टिलरी गन की जरूरत हैं। भारत वैसे तो इजराइल से होवित्जर मंगवाने की तैयारी में है लेकिन उसके मुकाबले देश के पास देश मे गन बनाना ज्यादा बेहतर विकल्प है।
ये भी पढ़ें :मंडियां भी बन्द: किसानों के साथ आए व्यापारियों का बड़ा एलान, पूरे देश पर असर
इजरायली हथियारों का विकल्प तलाश रहा भारत
इजराइल की होवित्जर के उत्पादन में ज्यादा समय लगेगा। हालांकि भारतीय सेना का लक्ष्य 18 महीनों में ही 200 से ज्यादा मेड इन इंडिया एडवांस टावर आर्टिलरी गन सिस्टम होवित्जर तैयार करने का है। इसका ट्रायल भी शुरू हो चुका है।
महाराष्ट्र में हुई मेड इन इंडिया ATAGS होवित्जर का परीक्षण
महाराष्ट्र के अहमदनगर अहमदनगर में Made In India Advance टावर आर्टिलरी गन सिस्टम का ट्रायल किया जा रहा है।
ये भी पढ़ें : इस मुस्लिम देश ने इजरायल के सैकड़ों नागरिकों को किया नजरबंद, दुनिया में खलबली
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आर्मी इजरायली बंदूक के विकल्प के तौर पर स्वदेशी गन देख रही है, ताकि जल्द से जल्द इसे पाय जा सकें। इसके लिए DRDO मेड इन इंडिया ATAGS होवित्जर प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।
क्या है ATAGS होवित्जर की खासियत:
बताया जा रहा हूं कि ATAGS होवित्जर अपनी श्रेणी की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली होवित्जर हैं। बता दें कि होवित्जर के पिछले दिनों हुए परीक्षण के दौरान एक छोटी दुर्घटना भी हो गयी थी। ये परीक्षण जैसलमेर के रेगिस्तान में हुआ था। हालांकि सेना प्रमुख ने मन की परीक्षण के दौरान ऐसी त्रुटियों से ही बेहतर हथियार बनाये जा सकते हैं। इसलिए परीक्षण फेल होने पर निराश न होकर मेक इन इंडिया के लक्ष्य के लिए लगातार काम करने की जरूरत है।
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें