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सेना का विस्फोटक हमला: ये एंटी टैंक मिसाइल चीन की काल, परीक्षण सफल
भारतीय वायु सेना का दमखम और बढ़ने वाला है। सूत्रों के मुताबिक, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एयरफोर्स की ताकत बढ़ाने के लिए एक नई मिसाइल को विकसित किया है।
भुवनेश्वर: भारत सीमा विववाद, आंतकी साजिशों और कोरोना संकट के बीच भी मिसाइलों के परीक्षण में लगा हुआ है। इसी कड़ी में सोमवार को ओडिशा में एंटी टैंक (सैंट) मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इस मिसाइल क डीआरडीओ ने भारतीय वायु सेना के लिए तैयार किया है। एंटी टैंक मिसाइल की खासियत बताई जा रही है कि ये लॉन्च के बाद वाले लॉक-ऑन और लॉन्च से पहले लॉक-ऑन दोनों तरह की क्षमता से लैस होगी।
ओडिशा में एंटी टैंक (सैंट) मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण
भारतीय वायु सेना का दमखम और बढ़ने वाला है। सूत्रों के मुताबिक, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एयरफोर्स की ताकत बढ़ाने के लिए एक नई मिसाइल को विकसित किया है। आज ओडिशा के तट पर इस स्टैंड एंटी-टैंक (सैंट) मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। बताया जा रहा है कि ये मिसाइल लॉन्च के बाद लॉक-ऑन और लॉन्च से पहले लॉक-ऑन दोनों क्षमताओं से लैस है।
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दो महीनों में 12 मिसाइलों का परीक्षण
बता दें कि भारत ने पिछले दो महीनों में 12 मिसाइलों का परीक्षण किया है। इसके पहले पिछले हफ्ते ही कई मिसाइलों की टेस्टिंग हुई थी। इसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, एंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-1 और हाइपरसोनिक मिसाइल शौर्य शामिल हैं।
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ये हैं मिसाइलों की खासियत
ध्यान दें कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भारतीय नौसेना के लिए तैयार की गयी है। इसका परीक्षण भारतीय नौसेना के स्वदेश निर्मित विध्वंसक पोत से अरब सागर में किया गया था। ब्रह्मोस सतह से सतह पर मार करने की क्षमता रखती है। मिसाइल की मारक क्षमता 290 किमी से बढ़ाकर 400 किमी की दूरी तक की गई है।
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वहीं एंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-1 भारत का प्रथम स्वदेश विकसित एंटी रेडिएशन हथियार है। इसके अलावा हाइपरसोनिक मिसाइल शौर्य परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम हैं।
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