TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

भारत का विनाशक विमान: चीन-पाकिस्तान की सरकार कांप रही, पूरी सेना होगी खत्म

देश पर संकट के काले बादल छाए हुए हैं। एक तरफ कोरोना महामारी से हाहाकार मचा हुआ है, दूसरी तरफ चीन और पाकिस्तान सीमा पर खूनी साजिश और घुसपैठ की फिराक में हैं। ऐसे में सोमवार को DRDO ने ओडिशा तट के नजदीक डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप से मानव रहित स्क्रैमजेट का हाइपरसोनिक स्पीड फ्लाइट का सफल परीक्षण किया गया है।

Newstrack
Published on: 7 Sept 2020 2:06 PM IST
भारत का विनाशक विमान: चीन-पाकिस्तान की सरकार कांप रही, पूरी सेना होगी खत्म
X
भारत का विनाशक विमान: चीन-पाकिस्तान की सरकार कांप रही, पूरी सेना होगी खत्म

नई दिल्ली। देश पर संकट के काले बादल छाए हुए हैं। एक तरफ कोरोना महामारी से हाहाकार मचा हुआ है, दूसरी तरफ चीन और पाकिस्तान सीमा पर खूनी साजिश और घुसपैठ की फिराक में हैं। ऐसे में सोमवार को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा तट के नजदीक डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप से मानव रहित स्क्रैमजेट का हाइपरसोनिक स्पीड फ्लाइट का सफल परीक्षण किया गया है। इसके साथ ही रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली के विकास को आगे बढ़ाने के लिए आज यानी सोमवार का परीक्षण एक बड़ा कदम साबित हुआ है।

ये भी पढ़ें... चीनी सेना से अलर्ट: देश की धरती पर कब्जे की नई चाल, सतर्क हुआ पूरा माहौल

इसलिए दिया हाइपरसोनिक विमान

हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) हाइपरसोनिक स्पीड फ्लाइट के लिए मानव रहित स्क्रैमजेट प्रदर्शन विमान है। ये घातक विमान 6126 से 12251 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार सकता है, इसलिए उसे हाइपरसोनिक विमान नाम दिया गया है।

देश के हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का परीक्षण 20 सेकंड से भी कम समय का था। साथ ही इसकी गति 12,251 किलोमीटर प्रतिघंटा यानी 3.40 किलोमीटर प्रति सेकेंड की थी। ऐसे में इसकी गति से ही ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये दुश्मन पर हमला करेगा, तो उसको बचने का मौका तक नहीं मिल पाएगा।

ये भी पढ़ें...लखनऊ में फिर दौड़ी मेट्रो, आज से शुरू हुई सेवा, इन नियमों का करना होगा पालन

Hypersonic technology demonstrator vehicle फोटो-सोशल मीडिया

बता दें, हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल के सफल परीक्षणों के बाद यदि इसे बनाकर उड़ाने में सफलता मिल जाएगी, तो भारत ऐसी तकनीक हासिल करने वाले देशों के चुनिंदा क्लब में शामिल हो जाएगा। और इस विमान का उपयोग मिसाइल और सैटेलाइट लॉन्च करने के लिए हो सकता है। उपयोग कम लागत पर उपग्रह लॉन्च करने के लिए भी किया जा सकता है।

ये भी पढ़ें...बिहार चुनाव: नड्डा-नीतीश सुलझाएंगे सीट बंटवारे का विवाद, लोजपा से बढ़ा तनाव

परीक्षण की सफलता

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने परीक्षण की सफलता पर कहा कि ये परीक्षण इसलिए किया गया, जिससे हम भविष्य के लिए तकनीकों को जांच सकें।

हाइपरसोनिक स्पीड फ्लाइट को लॉन्च करते के बाद उसकी गतिविधियों को विभिन्न राडार, टेलीमेट्री स्टेशन और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सेंसर्स से ट्रैक किया गया। वहीं इससे पहले बीते साल जून के महीने में भी हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का परीक्षण किया गया था।

ये भी पढ़ें...भारत-चीन में आर या पार: सीमा पर तनाव गरमाया, बातचीत से नहीं निकल रहा हल

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story