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BBC India पर फिर कसा जांच एजेंसी का शिकंजा, अब विदेशी फंडिंग में अनियमितता पर दर्ज हुआ केस
BBC India: इससे पहले बीसीसी इंडिया पर आयकर विभाग ने फरवरी, 2023 में दिल्ली, मंबई कार्यालयों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी कंपनी के आय और लाभ में मिली अनियमतिता को लेकर हुई थी।
BBC India: समाचार प्रसारक ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) इंडिया पर एक बार फिर से केंद्रीय जांच एजेंसी ने शिकंजा कसा है। इस बार प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) ने विदेशी फंडिंग में अनियमितता के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत बीबीसी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह जानकारी गुरुवार को ईडी की ओर से प्राप्त हुई है। केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा बीबीसी पर यह दूसरी कार्रवाई है। इससे पहले बीबीसी इंडिया पर इस साल आयकर विभाग ने आय अधिक मामले पर कार्रवाई की थी।
बीसीसी अधिकारियों ने मांगी गई ये चीजें
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने फेमा प्रावधानों के तहत कंपनी के कुछ अधिकारियों के दस्तावेजों और बयानों की रिकॉर्डिंग मांगी है। हालांकि यह मांग बीसीसी के भारतीय अधिकारियों से की गई है या फिर ब्रिटेन में बीसीसी के अधिकारियों से की गई है, इसका खुलासा नहीं हुआ है। अधिकारियों ने कहा कि जांच अनिवार्य रूप से कंपनी द्वारा कथित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के उल्लंघन को देख रही है।
फरवरी में आयकर विभाग ने की थी कार्रवाई
इससे पहले बीसीसी इंडिया पर आयकर विभाग ने फरवरी, 2023 में दिल्ली, मंबई कार्यालयों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी कंपनी के आय और लाभ में मिली अनियमतिता को लेकर हुई थी। तब आयकर विभाग ने कहा था कि बीबीसी समूह की विभिन्न संस्थाओं द्वारा दिखाई गई आय और लाभ भारत में उनके संचालन के पैमाने के अनुरूप नहीं थी। कर का भुगतान सही से नहीं किया गया था। इसके अलावा विभाग ने कंपनी ने विदेशी कंपनियों पर पैसे ट्रांसफऱ करने का भी आरोप लगाया था।
इस दौरान आयकर विभाग ने बीसीसी इंडिया पर 59 घंटों तक कार्रवाई की थी। कार्रवाई के दौरान विभाग ने कर्मचारियों के लैपटॉप और मोबाइल फोन भी जब्त किए थे। केंद्रीय जांच एजेंसी के इस एक्शन पर तब देश में विपक्षीय दलों ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कड़ा विरोध दर्ज किया था। विपक्षीय नेताओं ने इस छापेमारी को प्रेस की स्वतंत्रता को दबाने का आरोप लगया था।
गुजरात दंगों पर डॉक्यूमेंट्री के बाद पड़ा था छापा
दरअसल, बीबीसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गुजरात दंगों की डॉक्यूमेंट्री जारी की थी। डॉक्यूमेंट्री जारी होने के बाद केंद्र सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगया दिया था। ट्विटर और यूट्यूब द्वारा फिल्म के कई लिंक हटा दिए गए थे। सरकार के इस कदम से देश भर बड़े विश्वविद्यालयों में कई छात्र संगठनों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। आपको बता दें कि गुजरात दंगा साल 2002 में हुआ था, तब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। गुजरात दंगों की डॉक्यूमेंट्री जारी होने के कुछ दिन बाद आयकर विभाग ने बीबीसी इंडिया पर छापा मारा था। इस कार्रवाई पर विपक्षीय पार्टियों सरकार पर सवाल उठाया था।
जानें क्या होता है फेमा?
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) संसद के एक अधिनियम द्वारा लागू हुआ और 29 दिसंबर, 1999 को अधिनियमित किया गया। यह अधिनियम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को विदेशी मुद्रा से संबंधित नियमों को पारित करने का अधिकार देता है। यह सरकार को देश की विदेश व्यापार नीति को ध्यान में रखते हुए विदेशी मुद्रा की तुलना में नियम पारित करने में भी सक्षम बनाता है।