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Newsclick China Funding Case: न्यूजक्लिक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अमेरिकी कारोबारी नेविल रॉय को ईडी का समन
Newsclick China Funding Case: डिजिटल न्यूज वेबसाइट Newsclick को चीन से मिली वित्तीय मदद की जांच जारी है। प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर इसकी जांच कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी ने गुरूवार को पूछताछ के लिए अमेरिकी कारोबारी नेविल रॉय सिंघम को समन जारी किया है।
Newsclick China Funding Case: डिजिटल न्यूज वेबसाइट Newsclick को चीन से मिली वित्तीय मदद की जांच जारी है। प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर इसकी जांच कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी ने गुरूवार को पूछताछ के लिए अमेरिकी कारोबारी नेविल रॉय सिंघम को समन जारी किया है। वर्तमान में इस कारोबारी का ठिकाना चीन का शंघाई बताया जा रहा है। इसलिए एजेंसी के अधिकारियों ने विदेश मंत्रालय की मदद से चीनी अधिकारियों को समन भेजा ताकि वे उसे सिंघम तक पहुंचा सकें।
क्यूबा-श्रीलंकाई मूल के नेविल रॉय सिंघम के बारे में बताया जाता है कि वह विदेश में चीनी सरकार के पक्ष में प्रोपेगेंडा फैलाने का काम करता है। आरोप है कि भारतीय न्यूज वेबसाइट न्यूजक्लिक को भी इसी ने पैसे दिए। ईडी ने सिंघम को ईमेल भी भेजा है और उसे भारत आकर अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा है। पिछले साल भी एजेंसी ने समन जारी किया था लेकिन तब चीनी अधिकारियों ने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया था।
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न्यूजक्लिक के खिलाफ पांच एजेंसियां कर रही जांच
Newsclick के खिलाफ देश की पांच एजेंसियां जाच कर रही हैं। सबसे पहले जांच आयकर विभाग और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इसके खिलाफ जांच शुरू की थी। इसके बाद सीबीआई ने भी केस दर्ज कर जांच शुरू की। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आने के बाद ईडी ने भी केस दर्ज कर अपने स्तर से तहकीकात शुरू की। इसके अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल भी जांच कर रही है।
न्यायिक हिरासत में हैं फाउंडर और एचआर हेड
3 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने Newsclick के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ और कंपनी के एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था। अदालत ने 10 अक्टूबर तक दोनों को दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेजा दिया। इसके बाद 10 अक्टूबर को उन्हें 25 तारीख तक हिरासत में रखने का आदेश दिया, फिर तारीख बढ़ाकर 2 नवंबर तक की गई। 2 नवंबर को पुलिस रिमांड खत्म होने पर पटियाला हाउस कोर्ट ने दोनों को 1 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस दौरान ऊपरी अदालतों में उनके द्वारा दायर जमानत याचिका खारिज कर दी गई।
यूएपीए के तहत दर्ज है केस
5 अगस्त को अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने रिपोर्ट जारी कर बताया था कि न्यूजक्लिक को एक अमेरिकी अरबपति नोवेल रॉय सिंघम ने फाइनेंस किया था। सिंघम चीनी प्रोपोगेंडा को बढ़ावा देने के लिए भारत समेत दुनियाभर के देशों में फंडिंग करते हैं। आरोप है न्यूजक्लिक को अमेरिकी कारोबारी से 38 करोड़ रूपये मिले थे। इसी आधार पर इस साल 17 अगस्त को मीडिया संस्थान के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानूनी यूएपीए और आईपीसी की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बीते माह 3 अक्टूबर को दिल्ली में 88 और दूसरे राज्यों में सात जगहों पर छापेमारी की थी। न्यूजक्लिक के पत्रकारों और अन्य कर्मचारियों को डिटेन कर लिया गया था। फिर पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। विपक्ष और एडिटर्स गिल्ड ने तब इस कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा था।