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पीएम मोदी के बांग्लादेश दौरे का चुनावी कनेक्शन, बंगाल की इन सीटों पर पड़ेगा असर
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मतुआ समुदाय को कोरोना टीकाकारण समाप्त होने के बाद नागरिकता देने का भरोसा दिला चुके हैं। ऐसे में मतुआ समुदाय का समर्थन इस बार के चुनाव में भाजपा को मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी की दस्तक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार विदेश दौरे पर जाने वाले हैं। प्रधानमंत्री के इस दौरे को सियासी नजरिए से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पीएम मोदी के बांग्लादेश दौरे का पश्चिम बंगाल के चुनाव से गहरा कनेक्शन है। पश्चिम बंगाल और असम में जिस दिन पहले चरण का मतदान होगा, उस दिन पीएम मोदी बांग्लादेश में रहेंगे।
अपने बांग्लादेश दौरे में पीएम मोदी मतुआ समुदाय के धर्मगुरु हरिचंद्र ठाकुर की जन्मस्थली के साथ ही इस समुदाय के तीर्थस्थल का भी दौरा करेंगे। इसे मतुआ समुदाय को रिझाने की दिशा में बड़ा सियासी कदम माना जा रहा है और इसका पश्चिम बंगाल चुनाव पर गहरा असर पड़ सकता है।
26 व 27 मार्च को होगा बांग्लादेश दौरा
प्रधानमंत्री मोदी पर विदेश के ज्यादा दौरे करने का आरोप लगता रहा है मगर देश में कोरोना महामारी की दस्तक के बाद प्रधानमंत्री लंबे समय से विदेश दौरे पर नहीं गए हैं। कोरोना महामारी फैलने के बाद वे पहली बार बांग्लादेश के दौरे पर जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री 26 और 27 मार्च को बांग्लादेश के दौरे पर रहेंगे। पीएम मोदी बांग्लादेश में आजादी के 50 साल पूरे होने पर मनाए जा रहे जश्न के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
कोरोना संकटकाल में पीएम मोदी ने वैक्सीन के जरिए पड़ोसी देशों की भरपूर मदद की है। भारत की ओर से बांग्लादेश को भी 90 लाख वैक्सीन मुहैया कराई गई है। भारत के इस कदम से दोनों देशों के रिश्ते में और मजबूती आई है।
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मतुआ समुदाय को रिझाने की कोशिश
बांग्लादेश यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी दोनों देशों के राजनयिक रिश्तों को और मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे। इस दौरे के दौरान उनका एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम मतुआ समुदाय के धर्मगुरु हरिचंद्र ठाकुर की जन्मस्थली पर जाने का है। सियासी जानकारों के मुताबिक मोदी का यह दौरा मतुआ समुदाय को रिझाने की दिशा में बड़ा कदम होगा।
इसके साथ ही पीएम मोदी बांग्लादेश की शक्ति पीठ सुगंधा और और ओरकंडी मंदिर भी जा सकते हैं। प्रधानमंत्री 26 और 27 मार्च को बांग्लादेश के दौरे पर रहेंगे। 27 मार्च को पश्चिम बंगाल और असम में पहले चरण का मतदान होगा। पश्चिम बंगाल में इस दिन 30 और असम में 47 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।
भाजपा की बड़ी योजना
पश्चिम बंगाल के चुनाव में इस बार भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है और पार्टी ममता बनर्जी के 10 साल के शासन का अंत करने में जुटी हुई है। पीएम मोदी के बांग्लादेश दौरे को भी बंगाल में सत्ता हासिल करने का बड़ा जरिया माना जा रहा है। बांग्लादेश से पलायन करके बंगाल पहुंचने वालों में बड़ी आबादी मतुआ समुदाय की भी है। माना जा रहा है कि पीएम के दौरे से भाजपा मतुआ समुदाय को साधने की भी कोशिश कर रही है
21 सीटों पर मतुआ समुदाय किंगमेकर
पश्चिम बंगाल के 3 जिलों नॉर्थ 24 परगना, साउथ 24 परगना और नदिया में मतुआ समुदाय के लोगों की अच्छी खासी संख्या है। पश्चिम बंगाल की 21 विधानसभा सीटों पर मतुआ समुदाय का वोट महत्वपूर्ण माना जाता है। इन सीटों पर मतुआ समुदाय किंग मेकर की भूमिका में रहा है और यही कारण है कि पीएम मोदी की बांग्लादेश यात्रा का चुनाव से कनेक्शन जोड़ा जा रहा है।
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इस बार भाजपा को मिल सकता है समर्थन
तृणमूल कांग्रेस ने 2016 के विधानसभा चुनाव में मतुआ बहुल माने जाने वाली 21 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी मगर 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इनमें से 9 सीटों पर बढ़त हासिल की थी। सीएए और एनआरसी लागू करने के एलान को इसका बड़ा कारण माना जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मतुआ समुदाय को कोरोना टीकाकारण समाप्त होने के बाद नागरिकता देने का भरोसा दिला चुके हैं। ऐसे में मतुआ समुदाय का समर्थन इस बार के चुनाव में भाजपा को मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।