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इन घरों पर खतरा: कोरोना पर बड़ा खुलासा, वैज्ञानिकों ने किया ये दावा

लगातार देश में  कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ने लगारहा है। भारत में कोरोना  के मरीजों की संख्या 17 लाख के उपर पहुंच गई है। आज के समय में जिस तरह से घर और फ्लैट्स का निर्माण किया जा रहा है, उनमें वेंटिलेशन यानी हवा और प्रकाश की पूर्ण व्यवस्था नहीं होती है

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 2 Aug 2020 11:01 AM IST
इन घरों पर खतरा: कोरोना पर बड़ा खुलासा, वैज्ञानिकों ने किया ये दावा
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प्रतीकात्मक

नई दिल्ली : लगातार देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ने लगारहा है। भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या 17 लाख के उपर पहुंच गई है। आज के समय में जिस तरह से घर और फ्लैट्स का निर्माण किया जा रहा है, उनमें वेंटिलेशन यानी हवा और प्रकाश की पूर्ण व्यवस्था नहीं होती है। इस कारण घर के अंदर की हवा घर में ही घूमती रहती है। जबकि बड़े आकार के और खुले घरों में हवा का प्रवाह (फ्लो) बना रहता है।

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विशेषज्ञों का कहना

ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि जिन घरों में वेंटिलेशन व्यवस्था नहीं है, वहां पर कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक है। अब अमेरिका की मिनेसोटा यूनिवर्सिटी ने भी एक रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक छोटे और बंद स्थान पर कोरोना अधिक समय तक रहता है।

इस वायरस के समय छोटे घरों में रहने वाले लोगों के लिए कोरोना का खतरा और बढ़ गया है। शोध में पाया गया है कि बड़े और हवादार घरों में रहने वाले लोगों में कोरोना का खतरा बंद घरों में रहने वाले लोगों से काफी कम है।

ऐसे घर में कोरोना

कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों में अलग-अलग विचार है। कोरोना पर शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया था कि यह 3 फीट की दूरी तक फैल सकता है। इसके बाद कहा गया कि ये 6 से 8 फीट की दूरी तक फैल सकता है और अब कहा जा रहा है कि कोरोना का असर 13 फीट की दूरी तक हो सकता है।

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खुलकर नहीं बहती हवा

छोटे घरों के अंदर की हवा घर में घूमती रहती है जबकि बड़े आकार और खुले घरों में हवा का प्रवाह बना रहता है। इसके साथ ही बंद घरों में सूरज की रोशनी नहीं पहुंच पातीं जिसके कारण भी वायरस को पनपने का सुरक्षित स्थान मिल जाता है। हवादार घरों में कोरोना वायरस ज्यादा देर तक रुक नहीं पाता है और हवा के फ्लो के साथ घर से बाहर निकल जाता है।

स्वस्थ व्यक्ति शिकार

गर्मी और उमस के मौसम में घरों में एसी का उपयोग किया जाता है। साथ ही ऑफिस और कॉम्प्लेक्स में भी एसी लगे होते हैं। इस कारण इन सभी जगहों के दरवाजे और खिड़कियां बंद होते हैं। इससे किसी संक्रमित व्यक्ति के शरीर से निकला वायरस कमरे, हॉल या बिल्डिंग के अंदर ही मौजूद रहता है। इस बीच यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति इस वायरस के संपर्क में आ जाता है तो यह उसे भी संक्रमित कर देता है। जबकि छोटे घरों में वायरस घर के अंदर ही देर तक मौजूद कहता है और इस कारण संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में आराम से प्रवेश कर जाता है।



Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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