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बारिश में चाहते हैं घूमना तो इन जगहों पर आकर लें दोगुना मजा
बारिश के दिनों में मंदिर के पास के झरनों की रिमझिम फुहार देखने का अपना ही आनंद है। यहां पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का बहुत आनंद उठाते हैं। घटारानी जतमई से 25 कि.मी. है। यह भी बेहतरीनवाटरफाल्स जलप्रपात है।
जयपुर: लंबी गर्मी छुट्टी के बाद अगर सोच रहे है कि घूमने फिरने के लिए अब फिर लंबा समय है तो गलत सोच रहे है। अगर आप बिजी शेड्यूल के चलते कहीं गर्मी छुट्टी में घूमने का प्लान नहीं कर पाए तो उदास व निराश होने की जरूररत नहीं हैं, बारिश में भी ऐसी जगहों पर जा सकते है जहां लोग मानसून का मजा दोगुना कर सकते हैं। लोग ऐसी जगहों पर घूमने जाना पसंद करते हैं जो उन्हें प्राकृतिक नजारों का दृश्य देखने के साथ ही घूमने का भी बहुत मजा दिला सकें। छत्तीसगढ़ के वॉटर फॉल में जाकर जाकर घूमने का मजा लें। जानते है इन वाटरफाल्स के बारे में जिसकी खूबसूरती लोगों को अपनी ओर खुद-ब खुद आकर्षित कर लेगा।
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घटारानी वाटरफाल्स बारिश के दिनों में मंदिर के पास के झरनों की रिमझिम फुहार देखने का अपना ही आनंद है। यहां पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का बहुत आनंद उठाते हैं। घटारानी जतमई से 25 कि.मी. है। यह भी बेहतरीनवाटरफाल्स जलप्रपात है। प्रकृति प्रेमियों के लिए इन जगहों पर जाने का सब से अच्छा समय अगस्त से दिसंबर तक है। यह जगह राजधानी रायपुर से मात्र 75 कि.मी. की दूरी पर है।
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जतमई वाटरफाल्स जतमई रायपुर से करीब 70 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। जतमई पहाड़ी को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने से लोग इस मनमोहक प्राकृतिक स्थल देखने का आनंद ले रहे हैं। पटेवा के पास स्थित जतमई पहाड़ी करीब 200 मीटर क्षेत्र में फैला है। जिस की ऊंचाई करीब 70 मीटर है। यहां शिखर पर विशालकाय पत्थर एकदूसरे के ऊपर इस कदर टिके हैं, जैसे किसी ने उन्हें जमाया हो। राजधानी रायपुर से 84 कि.मी. पर यह जगह स्थित है।
अमृतधारा वाटरफाल्स जिला मुख्यालय से 35 कि.मी., बैकुंठपुरनागपुर लाइग्राम से 8 कि.मी. दूर अमृतधारा वाटरफाल्स स्थित है। यह प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल उत्तर दिशा में स्थित है, जहां से हसदेव नदी का उद्गम होता है। अमृतधारा अपनी अलौकिक छटा के लिए प्रसिद्ध है। लगभग 150 फुट की ऊंचाई से गिरता पानी दूध की तरह दिखाई देता है। आज यह वाटरफाल्सजलप्रपात कोरिया जिले का सब से ऊंचा और दर्शनीय वाटरफाल्स है। ऊंचाई से गिरते पानी के छोटे-छोटे कण हवा में बिखरते, मन को ठंडक पहुंचाते हैं।
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चित्रकूट वाटरफाल्स मिनी नियाग्रा के नाम से प्रसिद्ध चित्रकूट वाटरफाल्स बस्तर के जिला मुख्यालय जगदलपुर से 39 कि.मी. की दूरी पर लोहंडीगुड़ा विकासखंड के अंतर्गत स्थित है। इंद्रावती नदी उड़ीसा के कालाहांडी जिले से निकल कर बस्तर में प्रवेश करती है। चित्रकूट वाटरफाल्स की चौड़ाई लगभग 200 मीटर है तथा 90 फुट गहराई में गिर कर खूबसूरत वाटरफाल्स बनाती है। जब वाटरफाल्स पूरे वेग के साथ नीचे कुंड में गिरता है तो जलकणों की धुंध पर जब सूर्य की रोशनी पड़ती है, तो बनने वाला इंद्रधनुषी रूप सैलानियों के मन मोह लेता है। राजधानी रायपुर से 300 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
तीरथगढ़ वाटरफाल्स कल-कल ध्वनि करते नीचे गिरते जलप्रवाह को वाटरफाल्स के रूप में निहारना बेहद मनोहारी होता है। वाटरफाल्स के दर्शन किसी मौसम विशेष का मुहताज नहीं होते, पर प्रपात के दर्शन का आनंद वर्षाकाल के बाद अधिक मिलता है। बस्तर के सब से खूबसूरत वाटरफाल्स समूहों का सरताज तीरथगढ़ जलप्रपात। यह वाटरफाल्स राजधानी रायपुर से जगदलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से 340 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
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