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गांधी और शास्‍त्री की जयंती पर कांग्रेस ने फूंका किसान आंदोलन का बिगुल, राहुल करेंगे पंजाब में नेतृत्‍व

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस शुक्रवार से देशव्‍यापी आंदोलन की शुरुआत कर रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी पंजाब में आंदोलन का नेतृत्‍व करेंगे।

Newstrack
Published on: 2 Oct 2020 5:14 AM GMT
गांधी और शास्‍त्री की जयंती पर कांग्रेस ने फूंका किसान आंदोलन का बिगुल, राहुल करेंगे पंजाब में नेतृत्‍व
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गांधी और शास्‍त्री की जयंती पर कांग्रेस ने फूंका किसान आंदोलन का बिगुल, राहुल करेंगे पंजाब में नेतृत्‍व (social media)

नई दिल्‍ली: भारत की आत्‍मा उसके गांव, खेत-खलिहान में बताने वाले राष्‍ट्र पिता महात्‍मा गांधी और जय जवान जय किसान का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्‍त्री की जयंती पर कांग्रेस ने पूरे देश में मोदी सरकार के किसान कानूनों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। सोनिया गांधी ने अपने संदेश के जरिये किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से इस लड़ाई में शामिल होने का आह़वान किया है जबकि राहुल गांधी शुक्रवार को पंजाब में किसान आंदोलन की अगुवाई करेंगे।

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कांग्रेस शुक्रवार से देशव्‍यापी आंदोलन की शुरुआत कर रही है

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस शुक्रवार से देशव्‍यापी आंदोलन की शुरुआत कर रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी पंजाब में आंदोलन का नेतृत्‍व करेंगे। वह फतेहगढ़ साहिब के बदनी कलां में रोड शो करेंगे और रायकोट में किसानों के ट्रैक्‍टर रोड शो में शामिल होंगे।

कांग्रेस के किसान आंदोलन की सुबह पार्टी की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने एक वीडियो संदेश जारी कर देश के किसानों, खेतिहर मजदूरों और बंटाईदार किसानों को होने वाली परेशानियों का जिक्र करते हुए लोगों से अपील की है कि केंद्र सरकार के तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में शामिल हों क्‍योंकि यह गांव, खेत-खलिहान में बसने वाले भारत के खिलाफ है। अपने संदेश की शुरुआत उन्‍होंने महात्‍मा गांधी और लालबहादुर शास्‍त्री को स्‍मरण करते हुए की है।

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आज किसानों, मजदूरों और मेहनतकशों के सबसे बड़े हमदर्द महात्‍मा गांधी की जयंती है

उन्‍होंने कहा कि आज किसानों, मजदूरों और मेहनतकशों के सबसे बड़े हमदर्द महात्‍मा गांधी की जयंती है। गांधी जी कहते थे कि भारत की आत्‍मा भारत के गांव खेत और खलिहान बसती है। जय जवान जय किसान का नारा देने वाले हमारे पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्‍त्री की जयंती भी है लेकिन आज देश का किसान और खेत मजदूर कृषि विरोधी तीन काले कानूना के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। अपना खून पसीना देकर देश के लिए अनाज उगाने वाले अन्‍नदाता किसान को मोदी सरकार खून के आंसू रुला रही है।

जो किसानों के लिए कानून बनाए गए हैं उसके लिए उनसे सलाह मशविरा तक नहीं किया गया

कोरोना महामारी के दौरान हम सब ने सरकार से मांग की थी कि हर जरूरतमंद देशवासी को मुफत में अनाज मिलना चाहिए। तो क्‍या हमारे किसान भाइयों के बगैर यह संभव था कि हम करोड़ों लोगों के लिए दो वक्‍त के भोजन का प्रबंध कर सकते थे आज देश के प्रधानमंत्री हमारे अन्‍नदाता किसानों पर घोर अन्‍याय कर रहे हैं। उनके साथ घोर ना इंसाफी कर रहे हैं। जो किसानों के लिए कानून बनाए गए हैं उसके लिए उनसे सलाह मशविरा तक नहीं किया गया ।

उनसे बात भी नहीं की गई, सिर्फ चंद दोस्‍तों से बात कर किसान विरोधी तीन काले कानून बना दिए गए हैं। जब संसद में भी कानून बनाते वक्‍त किसानों की बात नहीं सुनी गई तो वे अपनी बात शांतिपूर्वक रखने के लिए महात्‍मा गांधी के रास्‍ते पर चलते हुए मजबूरी में सड़कों पर आए। लोकतंत्र विरोधी और जन विरोधी सरकार ने उनकी बात सुनने के बजाय उन पर लाठियां बरसाई।

हमारे किसान भाई और मजदूर आखिर चाहते क्‍या है

उन्‍होंने सवाल उठाते हुए कहा कि हमारे किसान भाई और मजदूर आखिर चाहते क्‍या है। बस सिर्फ इन कानूनों में अपनी मेहनत की उपज का सही दाम चाहते हैं। यह उनका बुनियादी अधिकार है। आज जब अनाज मंडियां खत्‍म्‍ कर दी जाएंगी। जमाखोरों को अनाज जमा करने की खुली छूट दी जाएगी, किसानों की जमीनें खेती करने के लिए पूंजीपतियों को सौंप दी जाएगी तो करोडों छोटे किसानों की रक्षा कौन करेगा। किसानों के साथ ही खेत मजदूरों और बंटाईदारों का भविष्‍य जुड़ा है।अनाज मंडियों में काम करने वाले छोटे दुकानदारों और मजदूरों का क्‍या होगा। उनके अधिकारों की रक्षा कौन करेगा। क्‍या मोदी सरकार ने इस बारे में सोचा है। कांग्रेस पार्टी ने हमेशा हर कानून जनसह‍मति से ही बनाया है।

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कानून बनाने से पहले लोगों के हितों को सबसे ऊपर रखा है लोकतांत्रिक मायने भी यही हैं

कानून बनाने से पहले लोगों के हितों को सबसे ऊपर रखा है लोकतांत्रिक मायने भी यही हैं। देश के हर निर्णय में देशवासियों की सहमति हो लेकिन क्‍या मोदी सरकार इसे मानती है शायद मोदी सरकार को यह याद नहीं है कि वह किसानों हक के भूमि के उचित मुआवजा कानून को अध्‍यादेश के माध्‍यम से बदल नहीं पाई थी इन तीन काले कानूनों के खिलाफ भी कांग्रेस पार्टी संघर्ष करती रहेगी। आज हमारे कार्यकर्ता हर विधानसभा क्षेत्र और जिले में किसान व मजदूर के पक्ष में आंदोलन कर रहे हैं मैं दावे के साथ कहना चाहती हूं किसान और कांग्रेस का यह आंदोलन सफल होगा और किसान भाइयों की जीत होगी।

अखिलेश तिवारी

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