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क्या किसान संगठनों में हो चुकी है दो फाड़, बयानों से समझें किस ओर जा रहा आन्दोलन
गुरनाम सिंह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर किसान नेता प्रेम कुमार भंगू का कहना है कि इस कदम से भले यह संदेश जाए संगठनों में सब कुछ ठीक नहीं है, लेकिन किसान मोर्चा की नीतियों के खिलाफ जाने की अनुमति किसी भी संगठन को नहीं है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आन्दोलन को 50 दिन से ज्यादा का समय पूरा हो चुका है। किसान दिल्ली बॉर्डर पर अभी भी डटे हुए हैं। उनकी मांग हैं कि सरकार कृषि कानूनों को वापस लें। तभी वे यहां से वापस अपने घर को लौटकर जाएंगे।
किसानों 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने की तैयारी कर रही हैं। किसानों की सरकार के साथ अब तक की बात बेनतीजा साबित हुई है। सरकार का कहना है कानून वापस लेने के अलावा किसान क्या चाहते हैं वे बताएं।
सरकार उस पर विचार करेगी। सरकार का ये भी कहना है कि ज्यादातर किसान संगठन सरकार की बातों से सहमत हैं। वे सरकार के पक्ष में हैं। चंद किसान संगठन ऐसे हैं जो जानबूझकर मामले को तूल देना चाहते हैं। वे विवाद का हल निकालना ही नहीं चाहते हैं।
किसान आन्दोलन(फोटो:सोशल मीडिया)
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कृषि मंत्री के बयान के बाद से शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का ये सिलसिला
सरकार के बयान के बाद से अब किसानों के आन्दोलन को लेकर तमाम तरह की चर्चा शुरू हो गई हैं। चर्चा हैं कि क्या 40 से ज्यादा संगठन जो इस किसान आन्दोलन में भाग ले रहे हैं। उनके बीच कोई फूट पड़ गई है। आखिर सरकार ने ऐसा बयान क्यों दिया है कि ज्यादातर किसान संगठन सरकार के पक्ष में हैं।
किसानों के बीच फूट पड़ने को लेकर शक और भी ज्यादा तब गहरा हो गया जब हरियाणा के भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी को संयुक्त किसान मोर्चा से बाहर का रास्ता दिखा दिया और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए कमेटी भी बना दी। इसके बाद से किसानों संगठनों के बीच से आरोप –प्रत्यारोप की बातें भी अब निकलकर सामने आई हैं।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (फोटो: सोशल मीडिया)
दोनों तरफ से हो रही आरोपों की बौछार, पढ़ें किसने क्या कहा?
गुरनाम सिंह पर विपक्ष के नेताओं के साथ मिलीभगत का आरोप
किसान नेता शिवकुमार कक्का के मुताबिक गुरनाम सिंह पिछले कुछ दिनों से विपक्षी पार्टियों से दिल्ली के मावलंकर हॉल में मुलाकात कर रहे थे और उनकी बैठकों में शामिल हो रहे थे। वह बीते दिनों किसान मोर्चे की बैठक से भी नदारद रह रहे थे।
क्या किसान संगठनों में हो चुकी है दो फाड़, बयानों से समझें किस ओर जा रहा आन्दोलन(फोटो:सोशल मीडिया)
गुरनाम सिंह चढूनी हुए सस्पेंड, संयुक्त किसान मोर्चा ने इसलिए की कार्रवाई
गुरनाम सिंह ने किया पलटवार, शिव कुमार कक्का को बताया आरएसएस का एजेंट
वहीं अपने खिलाफ कार्रवाई से नाराज गुरनाम सिंह ने शिव कुमार कक्का को आरएसएस का एजेंट करार दे दिया और कहा कि यह कार्रवाई उनके इशारे पर हुई है।
वहीं किसान नेता प्रेम कुमार भंगू का कहना है कि इस कदम से भले यह संदेश जाए संगठनों में सब कुछ ठीक नहीं है, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा की नीतियों के खिलाफ जाने की अनुमति किसी भी संगठन को नहीं है।
प्रेम सिंह भंगू कहते हैं कि, अभी उनके खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है, बल्कि एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसके सामने गुरनाम सिंह को पेश होना है और अपनी सफाई देनी है।
ऐसा भी हो सकता है कि गुरनाम सिंह को फिर से संयुक्त मोर्चा का हिस्सा बना लिया जाए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई ना हो।
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