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किसान आंदोलन: राकेश टिकैत का एलान- कानून रद्द होने तक जारी रहेगा आंदोलन

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम कृषि कानून रद्द कराना चाहते हैं। जब तक तीनों कानून रद्द नहीं होता, हमारा आंदोलन खत्म नहीं होगा। हमने सरकार से एमएसपी पर कानून बनाने को कहा था, सरकार ने वो नहीं किया।

Shivani
Published on: 10 Dec 2020 10:35 AM IST
किसान आंदोलन: राकेश टिकैत का एलान- कानून रद्द होने तक जारी रहेगा आंदोलन
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मोहाली के दो किसानों की जहां सडक़ हादसे में जान चली गई। वहीं मोहाली के गांव $ कंडाला के किसान गुरमीत सिंह (74) की हार्ट अटैक से मौत हो गई।

नई दिल्लीः कृषि कानूनों पर मांगे न पूरी होने और लगातार सरकार संग हो रही बैठकें फेल होने के बाद किसान संगठनों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर किसान संघों से आग्रह किया गया कि जो प्रस्ताव सरकार ने भेजा है, उस पर विचार कीजिए और जब भी आप कहेंगे हम चर्चा के लिए तैयार हैं। 2006 में स्वामीनाथन रिपोर्ट आई थी, लंबे समय तक इंतजार किया गया पर डेढ़ गुना एमएसपी लागू नहीं हुई।

राकेश टिकैत का एलान- कानून रद्द होने तक जारी रहेगा आंदोलन

जवाब में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम कृषि कानून रद्द कराना चाहते हैं। जब तक तीनों कानून रद्द नहीं होता, हमारा आंदोलन खत्म नहीं होगा। हमने सरकार से एमएसपी पर कानून बनाने को कहा था, सरकार ने वो नहीं किया। किसान नेताओं ने पहले ही चेतावनी दे दिया है कि 14 दिसंबर को देशव्यापी धरना प्रदर्शन किया जाएगा। दिल्ली के रास्तों को जाम कर दिया जाएगा। भाजपा कार्यालयों का घेराव किया जाएगा।

नया कानून नए मौके, नई टेक्नोलॉजी भी लेकर आएगा: नरेंद्र सिंह तोमर

-कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संघों से आग्रह किया गया कि जो प्रस्ताव सरकार ने भेजा है, उस पर विचार कीजिए और जब भी आप कहेंगे हम चर्चा के लिए तैयार हैं। 2006 में स्वामीनाथन रिपोर्ट आई थी, लंबे समय तक इंतजार किया गया पर डेढ़ गुना एमएसपी लागू नहीं हुई।

-मोदी सरकार आने पर उन्होंने लागत मूल्य पर पचास प्रतिशत का मुनाफा देकर एमएसपी घोषित की, जिसका फायदा पूरे देश को मिल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि हम लोगों को लगता था कि कानूनी प्लेटफॉर्म का फायदा लोग अच्छे से उठाएंगे।

-किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित होगा। नई तकनीक से जुड़ेगा। बुआई के समय ही उसको मुल्य की गारंटी मिल जाएगी।

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प्रेस कॉन्फ्रेंस में कृषि कानूनों पर बोल रहे कृषि मंत्रीं नरेंद्र सिंह तोमर

-कृषि कानूनों को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद के सत्र में सरकार कृषि से जुड़े तीन कानून लेकर आई थी। इन कानूनों पर संसद में सभी दलों के सांसदों ने अपना पक्ष रखा था।

-नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए है। लोकसभा और राज्यसभा में बिल पारित हुआ था। चर्चा के दौरान सभी सांसदों ने अपने विचार रखे। ये तीनों कानून आज देशभर में लागू हैं।

-उन्होंने कहा कि तय समय में भुगतान की व्यवस्था की गई है। किसानों की जमीन सुरक्षित रखने का ध्यान रखा गया है। नए कृषि कानून किसानों के हित में हैं। मंडी से बाहर जाकर भी किसानों को छूट दी गई। वहीं, उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी किसानों से बातचीत जारी है।

-msp को लेकर सरकार ने अपना रूख साफ़ किया और उन्होंने कहा कि msp हर हाल में चलती रहेगी। msp को लेकर सरकार लिखित आश्वासन देने के लिए तैयार है।

-किसान ठंड में बैठे है इसकी हमें चिंता है, किसान सरकार के प्रस्ताव पर पुनः विचार करें।

-पीएम ने सीधे किसानों के खाते में पैसे डाले, किसानों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की। किसान पेंशन योजना से बढ़ी किसानों की सामाजिक सुरक्षा।

-नया कानून नए मौके, नई टेक्नोलॉजी भी लेकर आएगा।

-21 लाख किसान, किसान

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दिल्ली- कौशांबी रोड की किसानों से बंद

किसानों ने दिल्ली से कौशाम्बी की ओर जाने वाली सड़क को बंद कर दिया है। किसानों का दावा है कि जो ट्रक फल वितरित कर रहा था, उसे जब्त कर लिया गया है।

किसानों का फूटा गुस्सा, होगा भाजपा ऑफिस का घेराव

दरअसल, बुधवार को किसान नेताओं और सरकार के बीच छठे स्तर की बातचीत में भी कोई हल न निकलने के बाद किसानों ने उग्र आंदोलन की घोषणा की है। सरकार ने बैठक से पहले सिंघु बॉर्डर में एकत्र किसानों के पास एक किसान प्रस्ताव भेजा था, जिसे किसानों ने खारिज कर दिया। वहीं इसके साथ ही 14 दिसंबर को देश भर में धरना प्रदर्शन करने की घोषणा की। किसानों का गुस्सा सरकार के साथ साथ रिलायंस जिओ के मालिक मुकेश अम्बानी पर भी फूटा और उन्होंने रिलांयस के उत्पादों के बहिष्कार की भी बात कही है।

14 दिसंबर को देश भर में धरना प्रदर्शन

ऐसे में अब आज से हालात और ज्यादा खराब हो सकते है। किसानों ने सरकार से अपनी मांग मनवाने को लेकर नई रणनीति बनाई है, जिसका असर दिखने भी लगा है। बता दें कि किसानों ने कई बड़ें फैसले लिए हैं।

– रिलायंस के प्रोडक्‍ट्स का बहिष्कार करेंगे किसान।

-14 दिसंबर को देशभर में धरना-प्रदर्शन होगा।

– दिल्ली की सड़कों को किसान जाम करेंगे।

– दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-आगरा हाइवे को 12 दिसंबर को रोका जाएगा।

– पूरे देश में आंदोलन तेज होगा।

– सरकार के मंत्रियों का घेराव होगा।

– 14 दिसंबर को बीजेपी के ऑफिस का घेराव होगा।

– 14 दिसंबर को हर जिले के मुख्यालय का घेराव होगा।

– 12 दिसंबर को सभी टोल प्लाजा फ्री करेंगे।

-दिल्‍ली और आसपास के राज्‍यों से ‘दिल्‍ली चलो’ की हुंकार भरी जाएगी।

– कृषि कानूनों के वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा।

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