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किसान आंदोलनः सुप्रीम कोर्ट की समिति की पहली बैठक, कहीं ये बातें

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति की आज 19 जनवरी को दिल्ली में पहली बैठक हुई।

Shivani Awasthi
Published on: 19 Jan 2021 4:09 PM GMT
किसान आंदोलनः सुप्रीम कोर्ट की समिति की पहली बैठक, कहीं ये बातें
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सुप्रीम कोर्ट की कमेटी पर क्या है किसानों की राय, जानिए क्यों है ऐतराज

लखनऊः किसान आंदोलन को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति की आज 19 जनवरी को दिल्ली में पहली बैठक हुई। जिसमें समिति ने अपने कार्य करने के ढंग और मुद्दों आदि को चिह्नित किया। समिति ने इस बैठक में स्वीकार किया कि उसकी सबसे बड़ी चुनौती आंदोलनकारी किसानों को बातचीत के लिए राजी करना है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 12 जनवरी को समिति का गठन किया था।

कृषि कानूनों पर SC ने किया समिति का गठन, हुई पहली बैठक

बैठक में डॉ. अशोक गुलाटी, कृषि लागत और मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष, अनिल घनवंत, अध्यक्ष, शेतकरी संगठन और डॉ. प्रमोद जोशी, पूर्व निदेशक (दक्षिण एशिया), अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान ने भाग लिया।

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समिति सदस्य कृषि कानूनों पर रखेंगे विचार

बैठक के बाद समिति के एक सदस्यश अनिल घनवंत ने कहा कि समिति हाल में अधिसूचित किये गए नए कृषि कानूनों पर किसानों, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और सभी पक्षकारों के विचार जानेगी। समिति के सदस्य उच्चतम न्यायालय को सौंपी जाने वाली रिपोर्ट तैयार करते समय कृषि कानूनों पर अपने निजी विचारों को अलग रखेंगे।

Supreme Court

बैठक में रोडमैप पर चर्चा

समिति ने इस मामले पर काम करने के रोडमैप पर चर्चा की। समिति किसानों, किसानों के निकायों, किसान यूनियनों और अन्य हितधारकों के साथ चर्चा और दो महीने की गतिविधियों के अध्ययन के बाद अपनी सिफारिशें तैयार करेगी।

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किसानों और कृषि निकायों संग चर्चा करेगी समिति

बाद में पत्रकारों से बात करते हुए अनिल घनवंत ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार, समिति देश में किसानों और किसानों के निकायों के साथ चर्चा करेगी। समिति दोनों से बात करेगी जो कृषि कानूनों के समर्थक हैं और जो इन कानूनों के खिलाफ हैं।

supreme court kisan aandolan

कई संगठनों संग विचार विमर्श

समिति राज्य सरकारों, राज्य विपणन बोर्डों और अन्य उत्पादक जैसे किसान उत्पादक संगठनों, और सहकारी समितियों आदि के साथ भी विचार-विमर्श करेगी।

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समिति जल्द ही किसान यूनियनों और संघों को फार्म कानूनों पर अपने विचारों पर चर्चा करने के लिए निमंत्रण भेजेगी। यहां तक कि व्यक्तिगत किसान भी पोर्टल पर अपना विचार जल्द ही अधिसूचित कर सकते हैं।

किसानों संग समिति की पहली बैठक 21 को

समिति सभी संबंधित विषयों पर राय को समझने की इच्छुक है ताकि वह सुझाव दे सके जो निश्चित रूप से भारत के किसानों के हित में होगा।

FARMERS

अनिल घनवंत ने बताया कि यह निर्णय लिया गया है कि किसानों के साथ पहली बैठक 21 जनवरी को होगी। फिजिकल मीटिंग उन संगठनों के साथ आयोजित की जाएगी जो हमें व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहते हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग उन लोगों के साथ आयोजित की जाएगी जो हमारे पास नहीं आ सकते हैं।

आंदोलनकारी किसानों को समझाना चुनौती

अनिल घनवंत ने कहा कि अगर सरकार हमारे साथ आना चाहती है, तो हम उसका स्वागत करते हैं। हम सरकार को भी सुनेंगे। हालांकि सबसे बड़ी चुनौती आंदोलनकारी किसानों को समझाने और हमारे साथ बात करने के लिए राजी करने की है, हम अपने स्तर पर पूरी कोशिश करेंगे।

राकेश टिकैत ने समिति की बैठक में जाने से किया इनकार

इससे पूर्व भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति की पहली बैठक में जाने से इनकार कर दिया। समिति की बैठक के बारे में पूछे जाने पर टिकैत ने कहा कि हमें नहीं पता, हम नहीं जा रहे हैं। आंदोलन से किसी ने कोर्ट का रुख नहीं किया था। सरकार यह बिल अध्यादेश के जरिए लाई और यह संसद में पेश किया गया। यह वापस भी वैसे ही जाएगा, जहां से आया है। कोर्ट का इसमें क्या काम।

उधर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उम्मीद जताई कि प्रदर्शनकारी किसान संगठन दसवें दौर की वार्ता में नए कृषि कानूनों को वापस लेने के बजाय अन्य विकल्पों पर चर्चा करेंगे और उनसे अपील की कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर रैली नहीं निकालें।

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