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बंजर भूमि का सीना चीर कर की जा रही खेती, रांची के किसानों ने पेश की मिसाल

किसानों के पास इतनी ज़मीन नहीं थी कि, सामूहिक खेती की जा सके। यही वजह थी कि, किसान छोटे-छोटे खेतों में खेती किया करते थे। इसका नुक़सान ये होता था कि, किसानों को आमदनी बेहद कम होती थी।

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Published on: 23 Oct 2020 6:38 AM GMT
बंजर भूमि का सीना चीर कर की जा रही खेती, रांची के किसानों ने पेश की मिसाल
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बंजर भूमि का सीना चीर कर की जा रही खेती, रांची के किसानों ने पेश की मिसाल (Photo by social media)

रांची: राजधानी रांची से महज़ 20 किलो मीटर दूर नगड़ी थाना क्षेत्र। यहां के छोटे-छोटे किसान खेती से अपनी लागत भी निकाल नहीं पाते थे। लिहाज़ा, पूरे दिन खून-पसीना बहाने के बाद भी परिवार चलाना बेहद मुश्किल होता था। ऐसे में किसानों ने आपस में मिलकर खेती करना शुरू किया। 400 किसान आपस में मिलकर 7 एकड़ भूमि पर टमाटर, सहजन और मुंगा की खेती शुरू की। इस काम में किसानों को पंडरा बाज़ार समिति का सहयोग मिला। हालांकि, कृषि विभाग की ओर से अपेक्षित मदद अबतक नहीं मिली है। बहरहाल, किसान इस बात से खुश हैं कि, मिलजुल कर खेती करने से उन्हे आमदनी ज्यादा हो रही है।

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7 एकड़ ज़मीन और 400 किसान

किसानों के पास इतनी ज़मीन नहीं थी कि, सामूहिक खेती की जा सके। यही वजह थी कि, किसान छोटे-छोटे खेतों में खेती किया करते थे। इसका नुक़सान ये होता था कि, किसानों को आमदनी बेहद कम होती थी। जब किसानों ने भूमि की तलाश शुरू की तो उन्हे पथरीली ज़मीन मिली। आमतौर पर ऐसी ज़मीन पर खेती करना मुश्किल होता है। हालांकि, झारखंड के ज्यादातर हिस्सों में पठारी भूमि ही मिलती है। बहरहाल, 400 किसानों ने 07 एकड़ बंजर ज़मीन को पहले खेती योग्य बनाया और फिर उसपर खेती शुरू की। किसान कहते हैं कि, चार से पांच महीने में ही मेहनत का असर दिखने लगा और बंजर भूमि लहलहा

उठी।

jharkhand-matter jharkhand-matter (Photo by social media)

किसानों का नेतृत्व महिला के हाथ में

400 किसानों को एकसाथ जोड़कर काम पर लगाने वाले नीतू केशरी कहती हैं कि, उनकी सब्जी विदेशों में भी जा चुकी है। नगड़ी में उत्पादित सहजन को उन्होने पंडरा बाज़ार समिति के सहयोग से विदेश भेजा है। वे कहती हैं कि, बंजर भूमि में कोई भी खेती नहीं करना चाहता है लेकिन किसानों ने हिम्मत दिखाई और आज बंजर भूमि हरी-भरी हो उठी है।

सामूहिक खेती से किसान खुश

सामूहिकता में बल है। इसका लाभ सभी को पता है। किसान भी जानते हैं कि, मिलकर खेती करने से उन्हे आमदनी ज्यादा होगी। नगड़ी में बंजर भूमि पर खेती करने वाले दशरथ उरांव कहते हैं कि, अकेले खेती करने में कोई फायदा नहीं था। सामूहिक खेती से ना सिर्फ आमदनी बढ़ी है बल्कि परिवार भी खुशहाल हुआ है। दरशरथ उरांव कहते हैं कि, आने वाले दिनों में और भी किसानों को इससे जोड़ा जाएगा। किसानों को इसका फायदा बताया जाएगा। आने वाले दिनों में रांची के अलावा खूंटी ज़िला में भी सामूहिक खेती के माध्यम से 100 एकड़ भूमि में काम शुरू किया जाएगा।

विदेशों में रांची की सब्जी

कृषि विभाग की पहल पर रांची की सब्जी को विदेश भेजने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 13 अगस्त को ही कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने नगड़ी के किसानों द्वारा उत्पादित सब्जी को कोलकाता एयरपोर्ट के लिए हरी झंडी दिखाई थी। विदेश में सब्जी का निर्यात बाज़ार समिति के माध्यम से किया जा रहा है।

jharkhand-matter jharkhand-matter (Photo by social media)

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किसानों की क़र्ज़ माफ़ी

पिछले दिनों ने सत्ताधारी कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादे के तहत किसानों की ऋण माफी की घोषणा की। इस बाबत कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की और क़र्ज़ माफ़ी को अमली जामा पहनाने की प्रक्रिया शुरू की।

शाहनवाज़

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