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थर-थर कांपेगा पाकिस्तान! सेना को मिला ये विमान, जानें खासियत

डोर्नियर 228 बहुद्देश्यीय और भरोसेमंद है। ईधन की खपत भी इसमें कम होती है। यह हल्के वजन का है तथा इसमें चालक दल के दो सदस्य बैठ सकते हैं। यदि इसे यात्री विमान के तौर पर इस्तेमाल किया जाए तो 19 व्यक्ति इसमें बैठ सकते हैं।

Shivakant Shukla
Published on: 1 Jan 2020 5:29 PM IST
थर-थर कांपेगा पाकिस्तान! सेना को मिला ये विमान, जानें खासियत
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रामकृष्ण वाजपेयी

वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने हल्के लड़ाकू विमान डोर्नियर को औपचारिक रूप से वायुसेना के बेड़े में शामिल कराया है। डोर्नियर को 41 नंबर ओटर्स स्क्वाड्रन में शामिल कराया गया है। आइए जानते हैं कि सेना को मिले इस डोर्नियर विमान की खासियत क्या है?

पहले यह जान लेंकि भारतीय वायुसेना ने 2015 में एचएएल कानपुर से 14 डोर्नियर 228 विमान खरीदने का1090 करोड़ का करार किया था। इस विमान का एचएएल के कानपुर कारखाने में निर्माण किया जा रहा है। ये हल्के परिवहन विमान हैं। वायुसेना, सेना और नौसेना में पहले से ही इनका इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन ये उन्नत तकनीकी का विमान है इस प्रकार के पहले विमान को नवंबर में सौंपा गया था तथा दूसरे विमान को नए साल की शुरुआत में सौंपे जाने की संभावना है। एचएएल वायुसेना को इन विमानों के अलावा छह रिजर्व इंजन, एक फ्लाइट सिमुलेटर और इससे संबंधित उपकरण भी प्रदान करेगा।

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एचएएल के कानपुर कारखाने को परिवहन विमान बनाने में महारत हासिल है। अब तक 125 डोर्नियर विमानों का निर्माण किया जा चुका है। जिनकी आपूर्ति रक्षा मंत्रालय और सेना को तो की ही गई है, विदेशों में भी बेचे गए हैं। उदाहरण के लिए बता दें कि सेशेल्स एवं मॉरीशस को भी ये विमान बेचे गए थे। इसके अलावा बेंगलूर की रडार बनाने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इलेक्ट्रानिक्स एंड रडार डेवलपमेंट स्टेब्लिसमेंट (एलआरडीई) ने भी एक डोर्नियर विमान खरीदा है। इसका इस्तेमाल वह अपने रडारों की टेस्टिंग के लिए करती है।

डोर्नियर-228 की ये हैं विशेषताएं

डोर्नियर 228 बहुद्देश्यीय और भरोसेमंद है। ईधन की खपत भी इसमें कम होती है। यह हल्के वजन का है तथा इसमें चालक दल के दो सदस्य बैठ सकते हैं। यदि इसे यात्री विमान के तौर पर इस्तेमाल किया जाए तो 19 व्यक्ति इसमें बैठ सकते हैं।

डोर्नियर का फ्यूल टैंक भी बड़ा है। जबकि अमूमन छोटे विमानों में इतने बड़े फ्यूल टैंक नहीं होते हैं। इसकी क्षमता 2850 लीटर की है। यह छोटे रनवे पर लैंड हो सकता है और टेकऑफ भी कर सकता है। टेकऑफ के लिए इसे सिर्फ 700 मीटर लंबा रनवे चाहिए जबकि लैंडिंग के लिए उससे भी कम 575 मीटर लंबे रनवे की जरूरत पड़ती है।

डोर्नियर-228 निगरानी क्षमता जबरदस्त है। डोर्नियर-228 को विमान टैक्सी, विशिष्ट व्यक्ति/कार्यकारी परिवहन, समुद्री निगरानी, टोह लेने, खुफिया युद्धकौशल और सैन्य परिवहन, पैरा जंपिंग, प्रदूषण की पहचान करने और नियंत्रण, खोज एवं बचाव आदि कार्यों के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है।

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इसके अलावा, घायलों को लाने व ले जाने में एंबुलैंस, कार्गो और सामान पहुंचाने, भौगोलिक सर्वेक्षण, विमान से चित्र खींचने, पनडुब्बी-रोधी भूमिकाओं और पर्यवेक्षक प्रशिक्षण आदि के काम भी लाया जा सकता है। अपनी विशेषताओं के कारण यह विमान भारतीय वायुसेना, तटरक्षक और नौसेना के लिए विश्वस्त साथी साबित हो रहा है।

सर्वाधिक ईंधन ले जाने की क्षमता

एचएएल द्वारा दिए गए दो डोर्नियर-228 विमानों का उपयोग मॉरिशस का राष्ट्रीय तटरक्षक विभाग अपनी तटीय सीमा की निगरानी और विशिष्ट व्यक्तियों को लाने-ले जाने के काम में ला रहा है। एचएएल के डोर्नियर-228 विमान के बेहतर होने के कई कारण हैं। जैसे- पंखों में छिपे ईंधन टैंकों के कारण सर्वाधिक ईंधन (2850 लीटर) ले जाने की क्षमता, आधुनिक संयुक्त सामग्री के प्रयोग के कारण कम वजन का होना, निर्बाध दृश्य और राडार की सीमा से बाहर रखने का डिजाइन अहम है।

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समुद्री टोह लेने वाले विमान पर 360 डिग्री निगरानी राडार, दूर तक दिखाई देने के लिए इंफ्रारेड प्रणाली, इलेक्ट्रानिक निगरानी प्रणाली, उपग्रह संचार प्रणाली, डाटा लिंक, गुप्त बातचीत, विमानों में भिड़ंत और परिहार प्रणाली, जमीन की निकटता के बारे में अग्रिम रूप से चेतावनी देने की प्रणाली आदि शामिल हैं।



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Shivakant Shukla

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