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पुलिस को बड़ी कामयाबी: रांची से 5 उग्रवादी गिरफ्तार, सरगना की तलाश जारी
रांची पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 5 PLFI उग्रवादियों को हथियार के साथ गिरफ्तार किया है। PLFI के सरगना की तलाश जारी है। रांची एसएसपी सुरेंद्र झा ने कहा है कि PLFI के उग्रवादी जंगल में हों या फिर शहर में कहीं भी बख्शा नहीं जाएगा।
रांची: झारखंड की राजधानी रांची उग्रवादियों के निशाने पर है। पैसे वाले और रसूखदार लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PLFI के सरगना दिनेश गोप और चूहा जायसवाल के नाम पर रंगदारी मांगी जा रही है। पिछले दिनों ही धुर्वा थाना क्षेत्र में टेंट कारोबारी के घर गोलीबारी की गई और पैसे की मांग की गई। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद रांची पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 05 PLFI उग्रवादियों को हथियार के साथ गिरफ्तार किया है। PLFI के सरगना की तलाश जारी है। रांची एसएसपी सुरेंद्र झा ने कहा है कि PLFI के उग्रवादी जंगल में हों या फिर शहर में कहीं भी बख्शा नहीं जाएगा।
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उग्रवादियों के पास से हथियार बरामद
रांची पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पांच PLFI उग्रवादियों को धर दबोचा है। गिरफ्तारी के दौरान इन लोगों के पास से एक कार्बाइन, 7.5 एमएम का पिस्टल, 03 देसी कट्टा, 7.6 एमएम का 03 ज़िंदा कारतूस, 7.65 एमएम पिस्टल का खाली मैगज़ीन, 9 एमएम का 10 ज़िंदा कारतूस, .315 का 07 ज़िंदा कारतूस और 05 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
गिरफ्तार उग्रवादियों के नाम
रांची पुलिस ने जिन 05 PLFI के उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है उनमें तुलसी पाहन, बबलू करमाली, राकेश कुमार दास, प्रदीप गाड़ी और राजन मुंडा का नाम शामिल है। गिरफ्तार उग्रवादियों में तुलसी पाहन के विरुद्ध रांची के विभिन्न थानों में प्राथमिकी दर्ज है। ओरमांझी, अनगड़ा तमाड़, धुर्वा और सदर थाना में रंगदारी और हत्या का मामला दर्ज है।
नक्सलियों के निशाने पर रांची
PLFI के उग्रवादियों के साथ ही राजधानी रांची नक्सली संगठनों के निशाने पर रहा है। खासकर बुंडू और तमाड़ थाना क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियां कई बार देखी गई हैं। इतना ही नहीं रांची शहर के अंदर भी नाम छिपाकर रहने वाले कई नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। बड़े कारोबारियों और रसूखदार लोगों से लेवी वसूली करने में सहायक लोग शहरों में रहकर नक्सलियों की मदद करते हैं। चुटिया और नामकोम थाना क्षेत्र से ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में पुलिस के लिए ये परेशानी का सबब बना हुआ है।
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नक्सल प्रभावित राज्य झारखंड
झारखंड में कई सरकारें आईं और गईं लेकिन नक्सल समस्या से निजात नहीं मिल सका। वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार के सामने भी नक्सल गतिविधि एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। आज भी राज्य के 24 में से ज्यादातर ज़िले नक्सल प्रभावित हैं। राज्य में भाकपा माओवादी के अलावा PLFI, तृतीय प्रस्तुति कमेटी यानी TPC और झारखंड जनमुक्ति परिषद यानी JJMP के उग्रवादी-नक्सली सक्रिय हैं। पूर्व की रघुवर दास सरकार के समय नक्सलियों को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया गया था।
तत्कालीन डीजीपी डीके पांडेय ने भरोसा जताया था कि नक्सलियों को सिर नहीं उठाने दिया जाएगा। हालांकि, धरातल पर आज भी नक्सली सक्रिय हैं और वर्तमान सरकार के लिए सिर दर्द बने हुए हैं। खास बात ये है कि, नक्सली-उग्रवादी जंगलों से निकल कर अब शहरों की तरफ रूख़ कर रहे हैं जिससे निपटना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
रांची से शाहनवाज़ की रिपोर्ट