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Assam Flood: असम में बाढ़ ने मचायी भीषण तबाही, 80 हजार से अधिक लोग प्रभावित, भारी बारिश की भविष्यावणी ने बढ़ाई चिंता
Assam Flood: सबसे अधिक आबादी वाला उत्तर-पूर्वी राज्य असम इन दिनों प्रलयकारी बाढ़ का सामना कर रहा है। राज्य में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण स्थिति विकराल हो गई है। कई गांव पूरे के पूरे जलमग्न हो चुके हैं।
Assam Flood: सबसे अधिक आबादी वाला उत्तर-पूर्वी राज्य असम इन दिनों प्रलयकारी बाढ़ का सामना कर रहा है। राज्य में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण स्थिति विकराल हो गई है। कई गांव पूरे के पूरे जलमग्न हो चुके हैं। राज्य सरकार के मुताबिक, बाढ़ की चपेट में अब तक करीब 15 जिले आ चुके हैं। 80 हजार के करीब लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
मूसलाधार बारिश के कारण राज्य में बहने वाली अधिकांश नदियां खतरे के निशाने से ऊपर बह रही हैं। राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। बता दें कि असम देश के उन राज्यों में शामिल है जो हर साल बाढ़ की विभिषिका को झेलता है। यह प्राकृतिक आपदा हर साल गर्मियों और बरसात के मौसम में यहां के लोगों की परीक्षा लेने आ जाती है।
राहत की उम्मीद नहीं, भारी बारिश की भविष्यवाणी
भारी बारिश के कारण लगभग आधा डूब चुके असम को फिलहाल राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। मौसम विभाग ने सोमवार को 24 घंटे के लिए रेड अलर्ट, अगले दो दिन तक के लिए ऑरेंज अलर्ट और गुरूवार तक के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। असम सरकार फिलहाल राज्य के सात जिलों में 25 राहत वितरण केंद्र चला रही है। लेकिन अभी तक कोई राहत शिविर नहीं शुरू किया गया है।
400 से अधिक गांव जलमग्न
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक, दर्रांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, चिरांग, उदलगुड़ी, सोनितपुर, कोकराझार, लखीमपुर और नलबाड़ी जिलों के 444 गांव पानी में डूब चुके हैं। बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित लखीमपुर जिला हुआ है। अकेले इस जिले में 24 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। प्राधिकरण ने बताया कि बाढ़ के 4700 हेक्टेयर से अधिक खेतों में खड़ी फसल नष्ट हो गई है। पहाड़ी जिलों से भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं। राज्य में ये हालत तब है, जब अभी तक मानसून ने दस्तक नहीं दी है।
बीते साल 200 लोगों की गई थी जान
मूसलाधार बारिश के कारण बाढ ने बीते साल भी असम में भयानक तबाही मचाई थी। इस प्राकृतिक आपदा में 200 से अधिक मौतें हुई थीं। लाखों लोग विस्थापित हो गए थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल आई बाढ़ में 14 जिलों की 9 लाख आबादी प्रभावित हुई थी। हजारों हेक्टेयर में फैली फसलें बर्बाद हो गई थी। किसानों और पशुपालकों के कई मवेशी मारे गए थे।