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CAA पर बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर, UNHRC का पुराना रिकॉर्ड देखने की ज़रूरत

देश में लगातार CAA और NRC को लेकर विरोध ज़ारी है। अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) का विरोध करने वालों को दो टूक जवाब दिया है

Aradhya Tripathi
Published on: 7 March 2020 12:48 PM GMT
CAA पर बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर, UNHRC का पुराना रिकॉर्ड देखने की ज़रूरत
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नई दिल्ली: देश में लगातार CAA और NRC को लेकर विरोध ज़ारी है। अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। लेकिन सरकार की ओर से बार बार ये कहा गया है कि CAA को लेकर अब कोई बदलाव नहीं किया जाएग। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों ही लोग इस विषय पर बोल चुके हैं।

अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) का विरोध करने वालों को दो टूक जवाब दिया है। जयशंकर ने एक कार्यक्रम में कहा, 'हर कोई नागरिकता को एक संदर्भ में देखता है। मुझे कोई भी ऐसा देश बताइए जो कहता हो कि दुनिया के हर व्यक्ति का वहां स्वागत है।'

UNHRC पहले भी हो चुका गलत

कार्यक्रम में वैश्विक शरणार्थी समस्या की ओर इशारा करते हुए जयशंकर ने कहा, 'हमने सीएए के जरिये राष्ट्रविहीन लोगों की संख्या घटाने की कोशिश की। इसकी प्रशंसा होनी चाहिए।' विदेश मंत्री ने संसद के अधिकार का जिक्र करते हुए कहा, 'कोई भी यह नहीं कह सकता कि सरकार या संसद के पास नागरिकता की शर्तें निर्धारित करने का अधिकार नहीं है। हर सरकार ने यह किया है।'

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CAA के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर किये गए एक आवेदन के संबंध में विदेश मंत्री ने संस्था के निदेशक द्वारा जम्मू-कश्मी पर दिए बयान का जिक्र करते हुए कहा- 'UNHRC के निदेशक पहले भी गलत हो चुके हैं।'

विदेश मंत्री ने कहा कि 'UNHRC सीमा पार के आंतकवाद के मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमता रहता है जैसे कि उसके ठीक बगल के देश से कोई लेना-देना नहीं है।' विदेश मंत्री ने कहा, 'कृपया समझने की कोशिश करें कि उनका संबंध कहां से है। यूएनएचआरसी के रिकॉर्ड को देखें कि वे पूर्व में कश्मीर मुद्दे से कैसे निपटे हैं।'

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RCEP के मुद्दे पर जयशंकर ने कहा, 'क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) से बाहर निकलना भारतीय कारोबार के हित में था।'

Aradhya Tripathi

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