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बह्मपुत्र नदी पर चीन का ये दावा, रक्षा में खड़ा भारत, कर रहा निगरानी
चीन की ब्रह्मपुत्र नदी पर बड़ी पनबिजली परियोजना निर्माण को लेकर भारत सरकार ने अपना रुख जाहिर किया है। इस मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार की ब्रह्मपुत्र पर चीन की तरफ से किए जा निर्माण पर नजर है।
नई दिल्ली: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। भारत को परेशान करने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाता रहता है। बीते दिनों चीनी मीडिया में खबरें चल रही थीं कि चीनी सरकार तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाकर उससे बिजली उत्पादन की योजना बना रही है।
भारत ने जाहिर किया अपना रुख
चीन की इस बड़ी पनबिजली परियोजना निर्माण को लेकर भारत सरकार ने अपना रुख जाहिर किया है। इस मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार की ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन की तरफ से किए जा निर्माण पर नजर है, वहीं निचले तट पर स्थित राज्यों के लिए खासकर ट्रांसबॉर्डर नदियों के पानी को लेकर भी चीन से चिंता व्यक्त की गई है।
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ब्रह्मपुत्र नदी पर हो रहे कामों की निगरानी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ब्रह्मपुत्र नदी पर हो रहे कामों की निगरानी कर रही है। उन्होंने बताया कि पानी के स्थापित उपयोगकर्ता के अधिकारों के साथ निचले तटवर्ती इलाके होने के चलते हम लगातार चीन के सामने अपनी बातें रख रहे हैं।
चीन ने दी ये जानकारी
उन्होंने कहा कि हमने चीन से अपील की है कि पहले यह सुनिश्चित करें कि ऊंचे इलाकों पर होने वाली गतिविधियों की वजह से निचली धाराओं वाले क्षेत्रों पर असर नहीं होगा। विदेश मंत्रालय के अनुसार, चीन ने जानकारी दी है कि वह केवल रीवर हाइड्रोपॉवर प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं, जिसमें ब्रह्मपुत्र के पानी का डायवर्जन शामिल नहीं है।
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साथ ही विदेश मंत्रालय ने यह साफ किया है कि भारत की लगातार चीन के साथ ट्रांसबॉर्डर नदियों को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा हुई है। मंत्रालय के मुताबिक कूटनीतिक माध्यमों के साथ-साथ हम 2006 में स्थापित एक्सपर्ट लेवल के तंत्र के तहत हम चीन से ट्रांसबॉर्डर नदियों से जुड़े मुद्दों पर बात कर चुके हैं। उन्होंने बताया की हमारे हितों की रक्षा के लिए हम आगे भी चीन के साथ बातचीत में बने रहेंगे।