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फखरुद्दीन अली अहमदः लगायी थी इमरजेंसी, गोंडा से था नाता

45 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की राय पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने देश में आपातकाल लगा दिया था। आपातकाल के दौरान भारी संख्या में विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया गया था।

Monika
Published on: 11 Feb 2021 3:00 AM GMT
फखरुद्दीन अली अहमदः लगायी थी इमरजेंसी, गोंडा से था नाता
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फखरुद्दीन अली अहमदः लगायी थी इमरजेंसी, गोंडा से था नाता

तेज प्रताप सिंह

गोंडा : 45 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की राय पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने देश में आपातकाल लगा दिया था। आपातकाल के दौरान भारी संख्या में विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया गया था। देश में पहली बार इमरजेंसी लागू करने वाले फखरुद्दीन की शुरुआती शिक्षा गोंडा के राजकीय हाईस्कूल में हुई थी और वह 1918 में कक्षा आठ की परीक्षा में फेल हो गए थे।

इंदिरा गांधी के कहने पर किए थे हस्ताक्षर

इस स्कूल के बारे में यह बात चर्चित है कि यहां जो फेल हो गया वह देश का राष्ट्रपति बन गया। साल 1975 में आपातकाल लगने के बाद फखरुद्दीन अली अहमद विपक्ष के निशाने पर थे क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर आपातकाल से संबंधित दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया था। डा.अहमद भारत के पांचवें राष्ट्रपति के रूप में अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के दौरे से लौटने के तुरंत बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा और 11 फरवरी 1977 को 71 वर्ष की अवस्था में उन्होंने राष्ट्रपति भवन,नई दिल्ली में अंतिम सांस ली।

राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद

गोंडा में सीखा था ककहरा

डा. अहमद का जन्म 27 मई 1905 को पुरानी दिल्ली के हौज काजी इलाके में हुआ था। इनके पिता का नाम ले. कर्नल जलनूर अली अहमद था और उनकी मां लाहोरी के नवाब की बेटी थीं। उनके पिता ले.कर्नल जलनूर अली अहमद गोंडा में सिविल सर्जन के पद पर तैनात थे। अहमद की प्रारंभिक शिक्षा गोंडा जिले के राजकीय हाईस्कूल में हुई थी। 1915 में उनका दाखिला कक्षा पांच में हुआ था। कॉलेज के प्रधानाचार्य अरुण कुमार तिवारी ने बताया कि 1848 में स्थापित विद्यालय में उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार अहमद 1918 में कक्षा आठ की परीक्षा में फेल हो गए थे।

 फखरुद्दीन अली अहमद

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तो ऐसा रहा सफर…

साल 1974 में जब वह देश के राष्ट्रपति बने तो इस विद्यालय का नाम बदलकर फखरुद्दीन अली अहमद राजकीय इंटर कॉलेज कर दिया गया। अहमद को फेल होने पर करारा झटका लगा और तभी से वह पढ़ाई के प्रति गंभीर हो गए। दिल्ली में गवर्नमेंट हाईस्कूल से मैट्रिक की शिक्षा पूरी करने के बाद वे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए 1923 में इंग्लैंड चले गए। वहां उन्होंने सेंट कैथरीन कॉलेज कैम्ब्रिज से उच्च शिक्षा प्राप्त की। जब वे लंदन से लौटे तो 1928 में लाहौर हाईकोर्ट में वकालत करने लगे। बाद में तरक्की करते हुए देश के राष्ट्रपति के पद तक पहुंचे।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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