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फ्रेंच न्यूज़ पेपर का दावा, अनिल अंबानी को 143.7 मिलियन यूरो का फायदा पहुंचा
भारत के शीर्ष कारोबारियों में शुमार अनिल अंबानी को फ़्रांस टैक्स अथॉरिटी ने बड़ी राहत दी है, टैक्स देयदारी के एक मामले में अथॉरिटी ने 143.7 मिलियन यूरो की राहत इस भारतीय कारोबारी को प्रदान की है।
लखनऊ: भारत के शीर्ष कारोबारियों में शुमार अनिल अंबानी को फ़्रांस टैक्स अथॉरिटी ने बड़ी राहत दी है, टैक्स देयदारी के एक मामले में अथॉरिटी ने 143.7 मिलियन यूरो की राहत इस भारतीय कारोबारी को प्रदान की है।
फ्रांस के एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र ली मोंडे की रिपोर्ट के अनुसार,अनिल अंबानी की टेलिकॉम कंपनी ‘रिलायंस अटलांटिक फ्लैग फ़्रांस’ को फ्रेंच टैक्स अथॉरिटी ने 2007 से लेकर 2010 तक 60 मिलियन यूरो देने का उतरदायी माना था। जिसके बाद रिलायंस ने सेटलमेंट करने के लिए फ्रेंच टैक्स अथॉरिटी को 7.6 मिलियन यूरो ऑफर किया जिसको फ्रेंच अथॉरिटी ने मना करते हुए 2010- 2012 तक का 91 मिलियन यूरो का टैक्स और लगा दिया।
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इसके बाद अप्रैल 2015 में पेरिस की यात्रा के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2014 में इंडियन एयरफोर्स की "महत्वपूर्ण परिचालन आवश्यकता" का हवाला देते हुए 36 राफेल जेट विमानों की सीधी खरीद के लिए एक आश्चर्यजनक घोषणा की थी।
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ली मोंडे अखबार के अनुसार; इस वक़्त तक टैक्स के देनदारी 151 मिलियन यूरो हो चुकी थी लेकिन घोसणा के छः महीने के बाद फ्रेंच टैक्स अथॉरिटी ने यह सेटलमेंट 151 मिलियन यूरो के बजाय 7.3 मिलियन यूरो में कर दिया।
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इसके अनुसार, 2015 फरवरी से अक्टूबर तक इंडिया और फ़्रांस के बीच 36 राफेल विमान को लेकर वार्ता चल रही थी और अनिल अंबानी को 143.7 मिलियन यूरो की कर्ज माफी मिल गयी। जिसके बाद सितंबर 2016 में, भारत और फ़्रांस के बीच 7.3 बिलियन यूरो का अंतर-सरकारी समझौता हुआ जिसमें 50% का एक ऑफसेट क्लॉज़ का प्रावधान रखा गया जो कि फ्रेंच पार्टनर्स के द्वारा आगे बढाया जाना था।
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जिसके बाद राफेल को बनाने वाली कंपनी दसौल्ट एविएशन ने अनिल अंबानी की कंपनी को ऑफसेट पार्टनर चुन लिया जिस पर सवाल भी उठाए गए। क्योंकि इससे पहले इस कंपनी को रक्षा क्षेत्र में किसी भी तरह का अनुभव नहीं था। इस पर फ्रांस के प्रेसिडेंट फ्रेंकोइस हॉलैंड ने एक फ्रेंच आउटलेट से कहा कि उनके पास ऑफसेट क्लॉज़ चुनने का अधिकार नहीं है और ना ही उन्होने रिलायंस को इसके लिए चुना है।
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ली मोंडे की रिपोर्ट के जवाब में रिलायंस कम्युनिकेशंस ने कहा कि 2008-12 के बीच, फ्लैग फ्रांस को 20 करोड़ यानी 2.7 मिलियन यूरो का परिचालन घाटा हुआ था और फ्रांसीसी कर अधिकारियों ने उसी अवधि के लिए 1,100 करोड़ से अधिक की कर मांग उठाई थी। जिसके बाद फ्रांसीसी टैक्स निपटान प्रक्रिया के अनुसार, कानून के अनुसार, अंतिम निपटान के रूप में 56 करोड़ का भुगतान करने के लिए एक आपसी समझौता किया गया था।
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उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी के 36 राफेल की घोषणा के बाद, फ्रेंच टैक्स अथॉरिटी के द्वारा अनिल अंबानी का टैक्स मात्र 7.3 मिलियन यूरो कर दिया गया जो कि 151 मिलियन यूरो था। यानी इससे उन्हें सीधे तौर पर 143.7 मिलियन यूरो का फायदा पहुंचा है।