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गांधी जयंती विशेष: आज भी आती है विचारों की खुशबू , जलाई थी वस्त्रों की होली
गत 23 नवंबर 1929 को जनआंदोलन खड़ा करने को जब औरैया में महात्मा गांधी आए तो उनकी एक झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। यहां गांधी जी ने एसबी स्कूल (अब तिलक इंटर कालेज) में रात भी गुजारी थी। यही नहीं कालेज में पौधारोपण भी किया।
औरैया: जनपद में आजादी की अलख जगाई जाने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने औरैया आकर लोगों में जुनून भरा था। उन्होंने स्वदेशी अपनाए जाने के लिए यहां पर विदेशी वस्त्रों की होली भी जलाई थी। उस दौरान हजारों की संख्या में लोग बापू की एक झलक पाने के लिए एकत्रित हुए थे। महात्मा गांधी जनपद औरैया के शहर में एक रात रूके भी थे।
कालेज में पौधारोपण भी किया था बापू ने
गत 23 नवंबर 1929 को जनआंदोलन खड़ा करने को जब औरैया में महात्मा गांधी आए तो उनकी एक झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। यहां गांधी जी ने एसबी स्कूल (अब तिलक इंटर कालेज) में रात भी गुजारी थी। यही नहीं कालेज में पौधारोपण भी किया। उनका लगाया हुआ मौलश्री का पेड़ आज भी कॉलेज में स्थापित है। मौलश्री के पेड़ से गांधी के विचारों की खुशबू आती है। गांधी जी ने यहीं से स्वदेशी अपनाओं का नारा देकर विदेशी वस्त्रों की होली भी जलाई थी। गांधी जी के साथ आचार्य कृपालनी भी थे।
स्वदेशी अपनाओं का नारा दिया
देश में प्रथम जन जागरण यात्रा पर निकल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी शहर स्थित तिलक इंटर कालेज जो उस समय एंग्लो वर्ना कुलर मिडिल स्कूल के नाम से जाना जाता था। उसमें 23 नवंबर 1929 में पहुंचे थे। गांधी जी के आने की की खबर जैसे ही लोगों को मिली तो भीड़ उमड़ पड़ी थी। गांधी जी की सभा हुई और उन्होंने स्वदेशी अपनाओं का नारा दिया। कालेज के कमरा नंबर नौ में गांधी जी ने रात गुजारी।
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मौल श्री का पेड़ लगाया
स्कूल के प्रबंध समिति के मंत्री पं. बिहारी लाल बाजपेयी, सभापति प्रथी सिंह, उपसभापति जगन्नाथ प्रसाद भार्गव, तुलसी प्रसाद दीक्षित, छक्की लाल द्विवेदी, भारतवीर मुकुंदी लाल गुप्ता, कृष्ण लाल जैन, देवी दयाल द्विवेदी के साथ मीटिंग की थी। रात्रि विश्राम के बाद दूसरे दिन उन्होंने विद्यालय प्रांगण में मौल श्री का पेड़ भी रोपित किया। उनके साथ रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. कृष्ण लाल जैन व स्व. विजय शंकर गुप्ता ने उनके संस्मरणों को सुनाया था।
गांधी संग्रहालय बनाए जाने की योजना
गांधी जी का रोपित पौधा आज भी तिलक इंटर कालेज के प्रांगण में उनकी यादों का जीवंत उदाहरण है। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बताया कि विश्राम कक्ष को स्मरणीय बनाने के लिए इसमें गांधी संग्रहालय बनाए जाने की योजना तैयार की जा रही है। प्रबंध कमेटी के समक्ष प्रस्ताव भी रखा जा चुका है।
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रिपोर्टर- प्रवेश चतुर्वेदी, औरैया