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गैस सिलिंडर के साथ फौरन कर लें काम, नहीं तो चुकानी पड़ेगी भारी कीमत
अगर आप रसोई गैस सिलिंडर का इस्तेमाल करते हैं तो आपको इन बातों पर ध्यान जरूर देना चाहिए। सिलिंडिर लेने से पहले उसकी एक्सपायर डेट की जांच कर लें।
लखनऊ: अगर आप रसोई गैस सिलिंडर का इस्तेमाल करते हैं तो आपको इन बातों पर ध्यान जरूर देना चाहिए।
सिलिंडिर लेने से पहले उसकी एक्सपायर डेट की जांच कर लें।
क्योंकि सिलिंडर की डेट एक्सपायर होने के बाद कोई भी दुर्घटना हो सकती है।
जिसकी जिम्मेदारी तेल कंपनी की नहीं होगी। इसलिए जरूरी है कि जब भी सिलिंडर आए तो आप उसकी एक्सपायरी डेट की जांच कर लें।
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ऐसे जांचें एक्सपायरी डेट
इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम तीनों ही कंपनियों के एलपीजी सिलिंडर में तीन पत्तियां लगी रहती हैं।
इसमें दो पत्तियों पर सिलिंडर का वजन और तीसरी पत्ती में कुछ नंबर लिखे होते हैं। यह वास्तव में सिलिंडर की एक्सपायरी डेट होती है।
आपने देखा होगा कि सिलिंडर की पट्टी पर ए-22, बी-24 या सी-23, डी-21 लिखा होता है। इन चारों अक्षरों को महीनों में बांटा गया है-
इन बातों का रखें ध्यान
ए का मतलब जनवरी से मार्च तक
बी का मतलब अप्रैल से जून तक
सी का मतलब जुलाई से सितंबर तक
डी का मतलब अक्तूबर से दिसंबर तक होता है।
ए, बी, सी और डी अंकों के बाद लिखी संख्या एक्सपायरी वर्ष होती है। यानी अगर पट्टी पर डी-22 लिखा है तो सिलिंडर दिसंबर 2022 को एक्सपायर हो जाएगा।
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सिलिंडर की टेस्टिंग जरूरी
हर एलपीजी गैस सिलिंडर को इस्तेमाल करने की एक समयसीमा होती है।
इस अवधि के बाद सिलिंडर की टेस्टिंग करवानी होती है।
यदि टेस्टिंग में सिलिंडर इस्तेमाल करने लायक नहीं निकलता तो इसे मार्केट से हटा दिया जाता है।
किसी भी नए सिलिंडर की टेस्टिंग 10 से 15 साल में करानी होती है। वहीं पुराने सिलिंडर की टेस्टिंग हर पांच साल में करवानी जरूरी है।
कहां होता है टेस्ट?
गैस सिलिंडर प्लांट में सिलिंडर की जांच की जाती है। कई बार लोग सालों तक सिलिंडर का इस्तेमाल नहीं करते।
ऐसे में इस तरह के सिलिंडर की जांच बहुत जरूरी हो जाती है। अगर जांच नहीं करवाई गई तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
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