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गंभीर ने पेश की इंसानियत की मिसाल, किया महिला का अंतिम संस्कार
कोरोना महामारी ने देश-दुनिया में तांडव मचा रखा है। लोग घरों में रहने को मजबूर है। कोरोना का प्रकोप इस कदर फैल गया है कि लोग अपनों का जनाजा भी नहीं देख पा रहे, ना अंतिम संस्कार में शामिल हो पा रहे हैं।वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में सब अपने तरीके से सहयोग कर रहे हैं।
नई दिल्ली कोरोना महामारी ने देश-दुनिया में तांडव मचा रखा है। लोग घरों में रहने को मजबूर है। कोरोना का प्रकोप इस कदर फैल गया है कि लोग अपनों का जनाजा भी नहीं देख पा रहे, ना अंतिम संस्कार में शामिल हो पा रहे हैं।वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में सब अपने तरीके से सहयोग कर रहे हैं। इस कड़ी में पूर्व क्रिकेटर और बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने इंसानियत दिखाई है। गंभीर ने अपने घर में काम करने वाली एक महिला का अंतिम संस्कार किया, जो पिछले 6 साल से उनके घर में काम कर रही थी।
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खबरों के अनुसार, ओडिशा की रहने वाली सरस्वती पात्रा शुगर और ब्लडप्रेशर से काफी लंबे समय से जूझ रही थीं। कुछ दिनों पहले उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 21 अप्रैल को इलाज के दौरान सरस्वती ने आखिरी सांसें लीं। गंभीर ने महिला के निधन पर ट्वीट करके कहा कि वो हमारे परिवार का हिस्सा थीं। उनका अंतिम संस्कार करना मेरा कर्तव्य था। हमेशा जाति, पंथ, धर्म या सामाजिक स्थिति के बावजूद गरिमा में विश्वास रखता हूं। मेरे लिए बेहतर समाज बनाने का यही तरीका है। मेरे विचार में भारत यही है। ओम शांति।
कोरोना योद्धाओं को गंभीर ने नमन करते हुए कहा कि हमने पिछले 30 दिनों में राशन किट और हर दिन करीब 10 हजार लोगों में भोजन बांटा है। करीब 15 हजार N95 मास्क, 4200 पीपीई किट और शेल्टर होम्स को 2000 बेड के इंतजाम किए हैं। बता दें कि देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 21 हजार 700 हो गया है। इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आकर अब तक 686 लोग जान गंवा चुके हैं। कोरोना से निपटने के लिए 3 मई तक लॉकडाउन घोषित है। गंभीर अपने तरफ से गर संभव मदद कर रहे हैं।
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