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Glock Pistol Price and Features: निशाने में अचूक और वजन में बेहद हल्के होते हैं ये ग्लॉक रिवाल्वर,आत्मरक्षा के लिए सबसे मुफीद क्यूं है ये हथियार

Glock Pistol Price and Features: ग्लॉक रिवॉल्वर एक अचूक व वजन में हल्का हथियार होता है, जो आत्मरक्षा के लिए सबसे मुफीद माना जाता है। इसकी सुरक्षा विशेषताओं की वजह से, इसे अमेरिकी फौज के साथ ही आम लोगों द्वारा भी अपनाया जाता है।

Jyotsna Singh
Published on: 3 May 2023 4:48 PM IST
Glock Pistol Price and Features: निशाने में अचूक और वजन में बेहद हल्के होते हैं ये ग्लॉक रिवाल्वर,आत्मरक्षा के लिए सबसे मुफीद क्यूं है ये हथियार
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Glock Pistol Price and Features (Newstrack)

Glock Pistol Price and Features: सेल्फ प्रोटेक्शन के लिहाज से हथियार रखने का सिलसिला तो हमारे प्राचीन समय से चला आ रहा है। हां ये बात और है कि हालात, जरूरत और समय के हिसाब से इनके रूप में लगातार परिवर्तन का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में आत्मरक्षा हेतु बंदूक रखने का चलन अब अपने चरम पर है। जिसमें कई तरह की बंदूकें हथियार बाजार में मौजूद हैं, लेकिन देखा जा रहा है कि अपने लिए ज्यादातर लोग ग्लाक बंदूक की ही मांग करते हैं। यह फंगशनल मिलिट्री ग्रेड पिस्टल की श्रेणी में दुनिया की सबसे छोटी पिस्टल मानी जाती रही है। इसका निर्माण ऑस्ट्रिया की एक हथियार निर्माता कंपनी Glock Weapon करती है। कंपनी वर्तमान में भारत, अमेरिका, इंग्लैंड और फ्रांस सहित 70 से अधिक देशों में सेना, पुलिस और विशेष बलों के लिए ग्लॉक वेपेंस निर्माण का कार्य एक बड़े पैमाने पर करती आई है। कंपनी आम नागरिकों को भी हथियार उपलब्ध कराती है, लेकिन इसके लिए लाइसेंस जरूरी होता है। ग्लॉक पिस्टल के कई वेरिएंट पूरी दुनिया में फेमस हैं। आइए जानते हैं ग्लॉक पिस्टल से जुड़े बेहद महत्वपूर्ण डिटेल.....

वजन में हल्की होने के पीछे ये है वजह

कंपनी की वेबसाइट पर हर तरह के ग्लॉक हथियारों के बारे में जानकारी दी गई है। ये हथियार दिखने में बहुत अलग तरह के नहीं होते, लेकिन कई मायनों में खास होते हैं। इसे अन्य हथियारों की तरह तैयार नहीं किया जाता, बल्कि इसे तैयार करने में पॉलीमर का इस्तेमाल किया जाता है। यही वजह है कि यह वजन में काफी हल्का होता है। दुनिया के सबसे फेमस पिस्टल को जिसे आत्मरक्षा की आवश्यकता हो इस ग्लाक रिवाल्वर को अपने पास जरूर रखना चाहता है।

मात्र तीन महीने में तैयार हुई थी ये पिस्टल

जब दूसरा विश्व युद्ध ख़त्म हुआ और इस युद्ध के बाद हर देश को एहसास हुआ कि उन्हें जल्द अपने हथियारों को अपग्रेड करना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि जंग के दौरान बहुत सारे देशों के बड़े से बड़े हथियार बेकार पड़ गए थे। ऑस्ट्रिया की सेना ने भी इस तकलीफ को महसूस किया था। जिसके बाद से ऑस्ट्रिया भी एक बढ़िया पिस्टल की खोज में था। इसी बीच गैस्टन ग्‍लॉक नाम के ऑस्ट्रियाई इंजीनियर को सेना के लिए एक अच्छी पिस्टल बनाने का खयाल आया। गैस्टन ग्‍लॉक वैसे तो हथियार नहीं बनाते थे, लेकिन वे हथियारों का बिजनेस शुरू करना चाहते थे। पहले उनकी कंपनी सेना के लिए चाकू और बुलेट्स रखने वाली बेल्ट बनाती थी। जिसके बाद पिस्टल बनाने के साथ इसके उद्योग को आरंभ करने के लिए
ग्लॉक ने कुछ हथियारों के एक्सपर्ट्स को इकट्ठा किया और उनसे कहा कि वे एक ऐसी पिस्टल बनाना चाहते हैं, जो हर जगह इस्तेमाल की जा सके। चूंकि उन्हें पॉलीमर पर बहुत गहरा ज्ञान था। जिस वजह से उन्होंने तय कर रखा था कि वह पॉलीमर से ही अपनी बंदूक बनाएंगे। उनका यह फैसला आगे चलकर काफी फलदाई साबित हुआ। वर्ष था 1979, जब महज तीन महीनों के अंदर ही उनकी टीम ने 9mm वाली ग्‍लॉक पिस्टल बनाकर तैयार भी कर दी। इसके बाद इसकी टेस्टिंग के बाद टीम को इस सफलता पर बेहद खुशी हुई, क्योंकी उन्हें अंदाजा नहीं था कि उन्होंने कितनी शानदार पिस्टल का निर्माण कर डाला है। और उसका अंजाम ये हुआ कि बेहद कम समय में ही ग्‍लॉक 17 पिस्टल ने जमकर a पॉपुलैरिटी बटोरी। ग्लॉक ने जब इस पिस्टल को तैयार किया था तो अस्सी के दशक में आस्ट्रिया की सेना इसका इस्तेमाल करके बेहद खुश थी। वहीं देखते ही देखते विश्व भर में इस हथियार की डिमांड बढ़ती गयी। भारत में इसका उपयोग आम तौर पर नहीं होता, ये प्रतिबंधित है। समय के साथ-साथ ग्लॉक ने टेक्नोलॉजी के हिसाब से इसमें और खूबियां बढ़ाई जिसके बाद से पिस्टल परिष्कृत होकर लेजर, स्कोप, फ्लैशलाइट से लैस जैसे अत्याधुनिक फीचर्स भी ग्लॉक राइल्वर का हिस्सा बन चुके हैं।

एक मैगजीन में आती थीं 17 गोलियां

जब गैस्टन ग्लॉक ने पिस्टल ग्लॉक की एक खेप ऑस्ट्रिया सेना को दी, तो उस पिस्टल को देख कर सब भौचक्के रह गए थे। उन्होंने पहले कभी इनती शानदार और हल्की पिस्टल उन्होंने देखी नहीं थी। यह सामान्य पिस्टल से बेहद अलग थी। इसमें फीचर्स भी आम पिस्टल जैसे ​नहीं थे। इसकी सबसे बड़ी खासियत थी कि इसकी एक मैगजीन में 17 गोलियां आती थी और यह एक सेमी-ऑटोमेटिक पिस्टल थी। पॉलीमर से बनने के कारण इस बंदूक को सबसे ज्यादा फायदा हुआ। इसके बाद इसके जैसी हलकी, आसानी से पकड़ी जाने वाली और वातावरण अनुकूलित पिस्टल कोई थी ही नहीं। सिर्फ इतना ही नहीं इस बंदूक का निशाना भी अचूक था। इससे चलाई गोली सीधा अपने निशाने पर जाकर लगती थी।

मजबूती में है बेजोड़

ग्लॉक कंपनी अब कई तरह के हथियार बनाने लगी है। समय के साथ इस पिस्टल में भी बहुत से बदलाव आए। अब इसमें लेजर, स्कोप, फ्लैशलाइट जैसी कई चीजें लगाईं जाती हैं। सबसे बड़ी बात है यह खराब नहीं होता। यह इतना मजबूत है कि हेलिकॉप्टर से गिराने के बाद भी इसमें कुछ नहीं होता। 1980 के दशक से लेकर आज तक ग्लॉक की पहचान और विश्वास कायम है। आज दुनियाभर के देशों में इसे बेझिझक इस्तेमाल किया जा रहा है। इसने पूरी दुनिया को दिखाया है कि क्यों यह सबकी पसंद बन चुका है।

ग्लॉक पिस्टल में ये है सुविधा

ग्लॉक 17 पिस्टल की कुछ और खूबियों के बारे में बात करें तो यह बहुत ही भरोसेमंद हथियार है। वहीं सुविधा की बात ये हैं कि इसमें 9mm की कोई भी गोलियां लग सकती है। इससे फर्क नहीं पड़ता है कि वह गोली किस बंदूक के लिए बनाई गई है। गोली अगर 9mm की है, तो ग्लोक 17 उसे बड़े ही आराम से चला सकती है। इसकी गोलियां ढूंढने में बहुत ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है। यह बहुत ही आसानी से मिल जाती है। यह कोई आम गन नहीं है।वक्त के साथ इसमें बहुत से बदलाव भी आए।एक बहुत ही भरोसेमंद पिस्टल भी है।

Jyotsna Singh

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