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नौकरी में बड़ा बदलाव: अब ज्यादा काम की डाल लें आदत, हो गया ये ऐलान

श्रम मंत्रालय ने सुरक्षा और स्वास्थ्य को देखते हुए काम करने की शिफ्ट में बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है। व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रशासन संहिता 2020 के मसौदा नियमों के तहत 8 घंटे की शिफ़ को बड़ा कर 12 घंटे की शिफ्ट का प्रस्ताव दिया है।

Monika
Published on: 26 Nov 2020 10:54 AM IST
नौकरी में बड़ा बदलाव: अब ज्यादा काम की डाल लें आदत, हो गया ये ऐलान
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12 घंटों की हो सकती है शिफ्ट, बदलेगा छुट्टी का नियम, यहाँ जाने सब कुछ

श्रम मंत्रालय ने सुरक्षा और स्वास्थ्य को देखते हुए काम करने की शिफ्ट में बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है। व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रशासन संहिता 2020 के मसौदा नियमों के तहत 8 घंटे की शिफ़ को बड़ा कर 12 घंटे की शिफ्ट का प्रस्ताव दिया है।

जिसके साथ ही अल्पकालिक अवकाश भी शामिल है। 19 नवंबर 2020 को अधिसूचित इस मसौदे में वीकली काम करने के घंटे को 48 घंटे पर बरकरार रखा गया है। फिलहाल, जो नियम हैं , उसमे 8 घंटे की शिफ्ट 6 दिनों तक रहती है। सप्ताह में एक दिन अवकाश होता है। वही 9 घंटों की शिफ्ट करने वाले लोगों का 2 दिन का साप्ताहिक अवकाश होता है।

रोजाना 12 घंटे की शिफ्ट होगी

नए नियम के अनुसार रोजाना 12 घंटे की शिफ्ट होगी और तीन दिन का अवकाश मिलेगा। मौजूदा समय में 30 मिनट के समय को ओवरटाइम की गिनती में नहीं लिया जाता लेकिन नए नें के तहत ओवरटाइम की गणना में 15 से 30 मिनट के समय को 30 मिनट गिना जाएगा।

श्रम मंत्रालय ने संगठित और असंगठित क्षेत्रों के कामगारों, छोटे व्यापारी, स्ट्रीट हॉकर्स, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में काम करने वाले सभी श्रमिकों के लिए ESIC का लाभ सुनिश्चित किया है। इसके तहत सभी श्रमिक अपनी तनख्वाह के छोटे से अंश दान से अस्पताल और औषधालयों से मुफ्त में चिकित्सा सुविधा ले सकेंगे।

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किसी भी राज्य में राशन कार्ड ट्रांसफर कर सकेंगे

बता दें, कि इस नए श्रम कोड के लागू होने के बाद प्रवासी मजदूरों को साल में एक बार अपने घर जाने के लिए यात्रा-भत्ता दिए जाने की शर्त रखी गई है। इस कानून के बाने के बाद प्रवासी श्रमिक किसी भी राज्य में अपने राशन कार्ड को आसानी से ट्रांसफर कर सकेंगे। वह जहां भी रहेंगे राशन प्राप्त कर सकेंगे। पहले महिला श्रमिकों को खनन और निर्माण जैसे कामों को करने की मंजूरी नहीं थी। लेकिन इस नए श्रम कोड के पास होने के बाद महिला श्रमिक भी काम कर सकेंगी।

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तकनीकी ज्ञान पर जोर

नए कोड में श्रमिकों को तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। जिसमे उबर, ओला, फ्लिपकार्ट, अमेजन कई कंपनी में श्रमिक आसानी से काम कर सके।

आपको बता दें, कि नए श्रम कोड में संगठित और असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों की मजदूरी में हर 5 साल में संशोधन का प्रावधान बनाया गया है। इसके लागू होने के बाद हर 5 साल में न्यूनतम मजदूरी में संशोधन करना अनिवार्य होगा।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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