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लोन लेने वालों पर बड़ी खबर: सरकार ने किया ये ऐलान, खुशी से झूम उठेंगे आप
सरकार के मुताबिक 6 महीने के लोन मोरेटोरियम समय में दो करोड़ रुपये तक के लोन के ब्याज पर ब्याज की छूट देगी। केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी की स्थिति में, ब्याज की छूट का भार वहन सरकार करे सिर्फ यही समाधान है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बड़ी राहत देने की घोषणा की है। सरकार की तरफ से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) और व्यक्तिगत उधारकर्ताओं को राहत मिली है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि एमएसएमई लोन, एजुकेशन, हाउसिंग, कंज्यूमर, ऑटो, क्रेडिट कार्ड बकाया और उपभोग लोन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज (ब्याज पर ब्याज) को माफ किया जाएगा।
सरकार के मुताबिक 6 महीने के लोन मोरेटोरियम समय में दो करोड़ रुपये तक के लोन के ब्याज पर ब्याज की छूट देगी। केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी की स्थिति में, ब्याज की छूट का भार वहन सरकार करे सिर्फ यही समाधान है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कहा कि उपयुक्त अनुदान के लिए संसद से अनुमति ली जाएगी।
आम आदमी पर होगा ये असर
कोरोना संक्रमण की वजह से मार्च के आखिरी से लेकर जुलाई तक पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया था जिसके कारण काम-धंधे बंद थे। इसके कारण बहुत से लोग ईएमआई(EMI) नहीं चुका पाने की स्थिति में आ गए। इसीलिए आरबीआई की तरफ से 6 महीने तक EMI नहीं चुकाने का आदेश दिया गया। हालांकि सबसे बड़ी समस्या मोरेटोरियम के बदले लगने वाले अतिरिक्त चार्ज को लेकर थी। ये अतिरिक्त चार्ज लोन लेने वालों के लिए बड़ा बोझ बन रहा था।
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केंद्र सरकार की तरफ से दी गई इस राहत का मतलब ये है कि लोन मोरेटोरियम का फायदा ले रहे लोगों को अब ब्याज पर अतिरिक्त पैसे नहीं चुकाने होंगे। ऐसे ग्राहकों को सिर्फ लोन का सामान्य ब्याज देना होगा।
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अब 5 अक्टूबर को होगी सुनवाई
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र को कहा था कि वो अलग-अलग क्षेत्रों के लिए कुछ ठोस योजना लेकर आए। कोर्ट की तरफ से मामले को बार-बार टालने पर नाराजगी जाहिर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 31 अगस्त तक NPA ना हुए लोन डिफाॉल्टरों को NPA घोषित नहीं करने के भी अंतरिम आदेश जारी रखने के आदेश दिए गए थे।
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गौतरलब है कि बीते महीने में सुप्रीम कोर्ट ने मोरेटोरियम मामले को लेकर केंद्र सरकार पर सख्त टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया था कि इस बारे में हलफनामा दाखिल कर केंद्र सरकार अपना रुख साफ करे और रिजर्व बैंक के पीछे छुपकर अपने को बचाए नहीं।
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