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भीषण युद्ध जारी: मिसाइलों से हमला, हजारों सैनिकों की मौत, पुतिन ने दी बड़ी चेतावनी

पुतिन ने शुक्रवार को आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोलियन पशिनियन से फोन पर बातचीत की है और हालात की जानकारी ली। आर्मेनिया की तरफ से बयान जारी कर बताया गया है।

Newstrack
Published on: 3 Oct 2020 11:04 AM IST
भीषण युद्ध जारी: मिसाइलों से हमला, हजारों सैनिकों की मौत, पुतिन ने दी बड़ी चेतावनी
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पुतिन ने शुक्रवार को आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोलियन पशिनियन से फोन पर बातचीत की है और हालात की जानकारी ली। आर्मेनिया की तरफ से बयान जारी कर बताया गया है।

मॉस्को: आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच युद्ध जारी है। दोनों देश एक दसूरे पर तोप, मिसाइल और फाइटर जेट से हमला कर रहे हैं। अब इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मध्यपूर्व से आतंकियों के आर्मेनिया के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने पर गंभीर चिंता जताई है।

पुतिन ने शुक्रवार को आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोलियन पशिनियन से फोन पर बातचीत की है और हालात की जानकारी ली। आर्मेनिया की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अर्मेनियाई प्रधानमंत्री निकोलियन पशिनियन ने नागोर्नो-कराबाख के क्षेत्र में जारी जंग पर बात की है।

दोनों नेताओं ने छह दिनों में तीसरी बार फोन पर बातचीत की है। मिली जानकारी के मुकाबिक तुर्की के उकसावे वाले बयानों को लेकर रूस के राष्ट्रपति पुतिन नाराज हैं।

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पुतिन ने की युद्ध विराम की अपील

पुतिन ने अजरबैजान की ओर लड़ाई लड़ रहे तुर्की समर्थित आतंकियों को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने सभी देशों से तत्काल युद्धविराम करने की अपील भी की है। गौरतलब है कि सोमवार से तुर्की समर्थित अजरबैजान की सेना अर्मेनिया की सेना से युद्ध लड़ रही है। कहा जा रहा है कि अगर इस युद्ध में रूस ने आर्मेनिया की मदद की तो युद्ध का दायरा और बढ़ जाएगा। अभी तक इसमें सैकड़ों आम लोगों और हजारों सैनिकों के मारे जाने की बात कही जा रही है।

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रूस और तुर्की के बीच मंडरा रहा युद्ध का खतरा

इस बीच आर्मीनिया और अजरबैजान में युद्ध जारी है। इस बीच अब रूस और तुर्की के इसमें शामिल होने खतरा पैदा हो गया है। एक तरफ रूस आर्मीनिया का समर्थन कर रहा है, तो दूसरी तरफ अजरबैजान के साथ नाटो देश तुर्की और इजरायल हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आर्मेनिया और रूस में रक्षा संधि है और अगर अजरबैजान ने आर्मेनिया की सरजमीं पर हमला किया तो रूस मोर्चा संभाल सकता है।

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अजरबैजान की तुर्की और पाकिस्तान ऐसे कर रहे मदद

आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच जारी युद्ध में तुर्की और पाकिस्तान भी शाामिल होने का शक है। कहा जा रहा है कि ये दोनों ही देश आतंकियों को अरजबैजान की ओर लड़ने के लिए दबाव बना रहे हैं। तो वहीं इजरायल अजरबैजान को हथियार दे रहा है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अजरबैजान के कुल हथियार खरीद का 60 प्रतिशथ हिस्सा इजरायल से आता है। इसीलिए वह आर्मेनिया की सेना पर भारी पड़ रहा है। रूस अपने दोस्त आर्मेनिया का खुलकर समर्थन करने में कतरा रहा है।

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