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बड़ी खुशखबरी: इस महीने तक खत्म हो सकता है कोरोना, बरतनी होंगी ये सावधानियां

वैज्ञानिकों का कहना है कि फरवरी 2021 तक 'न्‍यूनतम सक्रिय संक्रमणों' के साथ महामारी कंट्रोल की जा सकती है। कमिटी की ये रिपोर्ट एक मैथेमेटिकल मॉडल पर बेस्‍ड है। लेकिन कमिटी ने हिदायत दी है कि अगर लोगों ने लापरवाही बरती तो यह अनुमान गलत साबित होंगे।

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Published on: 19 Oct 2020 5:33 AM GMT
बड़ी खुशखबरी: इस महीने तक खत्म हो सकता है कोरोना, बरतनी होंगी ये सावधानियां
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कोरोना पर बहुत अच्छी खबर सामने आई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि फरवरी 2021 तक 'न्‍यूनतम सक्रिय संक्रमणों' के साथ महामारी कंट्रोल की जा सकती है।

नई दिल्ली: देश में कोरोना के नए मामलों में गिरावट दर्ज की गई है। अब इस एक और अच्छी खबर सामने आई है। सरकार की ओर से गठित एक्‍सपर्ट्स की एक कमिटी ने दावा किया है कि कोरान महामारी 17 सितंबर को अपने चरम पर पहुंच गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी 2021 के आखिर तक कुल मामलों की संख्‍या 1.06 करोड़ होने की संभावना है। इसके साथ ही कहा है कि तब तक कोरोना की रफ्तार न के बराबर होगी।

इस देश में कोरोना संक्रमण के 75 लाख से ज्यादा मामले हैं। फरवरी तक इन मामलों में 26 लाख और जुड़ जाएंगे। इस पैनल का गठन साइंस ऐंड टेक्‍नोलॉजी मिनिस्‍ट्री ने किया है। इसमें देश के बड़े वैज्ञानिक संस्‍थान- IITs, IISc बेंगलुरु, ISI कोलकाता और CMC वेल्‍लोर के साइंस्टिस्‍ट्स शामिल थे।

लोगों ने लापरवाही बरती तो अनुमान गलत साबित होंगे

वैज्ञानिकों का कहना है कि फरवरी 2021 तक 'न्‍यूनतम सक्रिय संक्रमणों' के साथ महामारी कंट्रोल की जा सकती है। कमिटी की ये रिपोर्ट एक मैथेमेटिकल मॉडल पर बेस्‍ड है। लेकिन कमिटी ने हिदायत दी है कि अगर लोगों ने लापरवाही बरती तो यह अनुमान गलत साबित होंगे।

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कमिटी ने अपने रिसर्च मे पाया है कि देश की 30 फीसदी आबादी में ऐंटीबॉडीज मौजूद हो सकती हैं। अगस्‍त में यह आंकड़ा 14 फीसदी पर था। पैनल के प्रमुख प्रोफेसर एम विद्यासागर ने बताया कि 30 फीसदी जनसंख्या में ऐंटीबॉडीज होना अच्‍छी खबर है। उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि महामारी का प्रकोप घट रहा है। तो वहीं सकल मृत्‍यु-दर कुल संक्रमण का 0.4% रहने का अनुमान है।

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लाॅकडाउन नहीं लगता तो कहर बरपाता कोरोना

कमिटी का कहना है कि अगर लॉकडाउन नहीं लगाया गया होता तो भारत में कोरोना ने कहर बरपाया होता। जून 2020 तक ही देश में 1.4 करोड़ से ज्‍यादा मामले आए होते। उन्होंने आगे कहा कि जून में ही देश में कोरोना पीक पर पहुंच जाता और करीब 50 लाख ऐक्टिव केस होते। रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन से कोरोना कर्व 'फ्लैट' हुआ। रिपोर्ट में बताया गया है कि लॉकडाउन नहीं लगा होता तो मरने वालों की संख्‍या 6 लाख से अधिक होती। अभी तक भारत में कोरोना से 1.14 लाख लोगों की जान गई है।

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ने साफ कहना है कि मास्‍क पहनना, सोशल डिस्‍टेंसिंग, ट्रेसिंग और क्‍वारंटीन में कोताही नहीं बरतनी चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक, इनके अलावा कोविड कर्व का फ्लैट होना इस बात भी निर्भर करेगा कि राज्‍य टेस्टिंग और कंटेनमेंट प्रोटोकॉल को कितने प्रभावी ढंग से लागू करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि थोड़ी और सख्‍ती की तो फरवरी 2021 तक 92 लाख केस ही होंगे। अगर लापरवाही की गई तो 1.37 करोड़ केस भी हो सकते हैं। अगर पूरी तरह छूट दे दी गई तो 1.76 करोड़ से ज्‍यादा मामले फरवरी तक हो सकते हैं।

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