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भ्रूण लिंग जांच पर सरकार सख्त, अब ऐसे किया अल्ट्रासाउंड तो होगी कार्रवाई
प्रशासन ने सचल दस्ता तैनात कर कार्रवाई शुरू कर दी है। सचल दस्ता अब इन मोबाइल अल्ट्रासाउंड सेंटर पर नजर रखेगी। सचल दस्ते में एक मजिस्ट्रेट, दो डॉक्टर और एक पुलिस अधिकारी शामिल होंगे।
नई दिल्ली: देश में आये दिन नए नए अपराध होते ही जा रहें और सरकार इन अपराधों को रोकने के लिए नए कानून भी बना रही है। अब इसको देखते हुए दिल्ली-NCR में भ्रूण लिंग जांच के रैकेट पर प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की शुरुआत कर दी है। हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बहुत से इलाकों में अवैध रूप से संचालित मोबाइल अल्ट्रासाउंड सेंटर के जरिए भ्रूण लिंग जांच पर कार्रवाई की जाएगी।
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प्रशासन ने सचल दस्ता तैनात कर कार्रवाई शुरू कर दी है। सचल दस्ता अब इन मोबाइल अल्ट्रासाउंड सेंटर पर नजर रखेगी। सचल दस्ते में एक मजिस्ट्रेट, दो डॉक्टर और एक पुलिस अधिकारी शामिल होंगे। बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में इस रैकेट के तार कहीं न कहीं उत्तर प्रदेश से जुड़ जाते हैं। बीते कुछ दिनों में स्वास्थ्य विभाग की कई टीमें गाजियाबाद और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बहुत से हिस्सों में छापामारी भी कर चुकी है।
Pregnant (PC: social media)
भ्रूण लिंग जांच के रैकेट पर अब चलेगा तगड़ा एक्शन
पुलिस और स्वास्थ्य विभाग दोनों मिलकर कार्रवाई शुरू करेगा। गाजियाबाद के लोनी, खोड़ा और मुरादनगर में प्रशासन अब नजर रखेगी। इसके लिए सचल दस्ता का बनाया गया है जिसमें एक मजिस्ट्रेट, दो डॉक्टर और एक पुलिस अधिकारी शामिल होंगे। यूपी से कार में पोर्टेबल मशीन लाकर गाजियाबाद, नोए़डा और पूर्वी दिल्ली में भ्रूण लिंग जांच करने वाले लोगों का एक रैकेट चल रहा है।
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हरियाणा और पश्चिमी यूपी में ये रैकेट चल रहा तेजी से
वहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अस्पतालों के सामने यह धंधा खुलेआम किया जा रहा है। भ्रूण लिंग की जांच करने वाले गिरोह ने जिला और महिला अस्पतालों में अपना एक नेटवर्क खड़ा कर दिया है। यहां आने वाले लोग अल्ट्रासाउंड की मदद से ये भी पता लगाते हैं कि बच्चे का लिंग क्या है। मोबाइल अल्ट्रासाउंड सेंटर में एक केस 10 से 15 हजार रुपये की फीस ली जाती हैं। सबसे अहम बात ये है कि महिला एजेंट ही इस काम में लगी हुई हैं।
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