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Online Medicine: दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के लिए बनेगा नेशनल पोर्टल
Online Medicine: केंद्र सरकार दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल लॉन्च करने की योजना बना रही है। यह पोर्टल प्रामाणिक और सुरक्षित होगा और बगैर वेरिफिकेशन के कोई बिक्री नहीं की जाएगी।
Online Medicine: केंद्र सरकार दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल लॉन्च करने की योजना बना रही है। यह पोर्टल प्रामाणिक और सुरक्षित होगा और बगैर वेरिफिकेशन के कोई बिक्री नहीं की जाएगी। डॉक्टरों को ऑनलाइन नुस्खे देने के लिए साइट पर पंजीकरण कराना होगा, जिसके बाद मरीज दवाएं खरीद सकेंगे।
इसका मकसद ई-फार्मेसियों और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों द्वारा डॉक्टरी दवाओं की अवैध बिक्री रोकना और डेटा के दुरुपयोग जैसे संभावित खतरों से निपटना है। इसके साथ, सरकार का लक्ष्य नकली दवाओं की बिक्री, नशे की लत वाले नशीले पदार्थों और संभावित राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं जैसे जोखिमों को कम करना है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने प्रमुख ई-फार्मा खिलाड़ियों के साथ बैठक की है जिसमें टाटा 1 एमजी, नेटमेड्स, अमेज़न, फ्लिपकार्ट, प्रैक्टो, अपोलो और फार्मइजी समेत प्रमुख कंपनियां मौजूद रहीं।
दवाओं की डिलीवरी
सरकार दवा वितरण के लिए जोमैटो-स्विगी मॉडल पर भी विचार कर रही है। इसमें डिलीवरी कर्मियों को दुकानों से दवाएं एकत्र करना और उन्हें ग्राहकों तक पहुंचाना शामिल होगा, जिससे प्रक्रिया की दक्षता और सुरक्षा बढ़ेगी।
दिया गया था नोटिस
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि देश की अधिकांश ई-फार्मेसियों ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को सूचित किया है कि वे केवल यूजर्स और लाइसेंस प्राप्त फार्मेसियों को जोड़ने वाला एक ऑनलाइन मंच प्रदान कर रहे हैं। इस साल की शुरुआत में ड्रग रेगुलेटर की ओर से ऑनलाइन फार्मेसियों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था।
हालाँकि इसमें लगभग पाँच साल पहले जारी दवाओं की ऑनलाइन बिक्री से संबंधित मसौदा नियमों का भी उल्लेख किया गया था, लेकिन मंत्रालय ने देश में ऑनलाइन दवा बिक्री के संबंध में मसौदे की वर्तमान स्थिति या किसी अन्य योजना पर कोई टिप्पणी नहीं की। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी बघेल ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया है कि सीडीएससीओ ने 8 और 9 फरवरी 2023 को दवाओं की ऑनलाइन/इंटरनेट बिक्री में लगी विभिन्न फर्मों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।कंपनियों ने ज्यादातर यह कहते हुए जवाब दिया है कि वे केवल ग्राहकों को फार्मास्युटिकल उत्पादों की बिक्री की सुविधा के लिए एक ऑनलाइन मंच प्रदान कर रहे हैं और मंच पूरी तरह से मध्यस्थ के रूप में काम करता है, जो यूजर्स और लाइसेंस प्राप्त फार्मेसियों को जोड़ता है।
आईएमए का श्वेत पत्र
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने 2022 में ऑनलाइन फार्मेसी पर जारी एक श्वेत पत्र में कहा था कि "एसोसिएशन देश में ऑनलाइन फार्मेसी के खिलाफ है क्योंकि इससे ऑनलाइन स्टोर द्वारा घटिया और नकली दवाओं के प्रतिस्थापन को बढ़ावा मिलेगा और डॉक्टर-रोगी की गोपनीयता खत्म हो जाएगी।यह मरीजों को डॉक्टर की देखरेख के बिना एक ही नुस्खे का बार-बार उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इससे दवा संबंधी कई प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं, यह नशीली दवाओं के दुरुपयोग और आदत बनाने वाली दवाओं के अति प्रयोग को बढ़ावा देगा। जब कोई मरीज इस सुविधा का दुरुपयोग करता है, तब भी मेडिकोलीगल दायित्व डॉक्टर पर पड़ेगा।"
श्वेत पत्र में कहा गया कि ऑनलाइन फ़ार्मेसियों के लिए कोई अच्छी तरह से परिभाषित समर्पित कानून नहीं हैं। इसमें आरोप लगाया गया कि यह नशीली दवाओं के दुरुपयोग, दुरुपयोग, सेल्फ मेडिकेशन और कई अन्य मुद्दों को बढ़ावा देगा।