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अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर वित्त मंत्री का ऐसा बयान, जानिए क्या कहा-
अर्थव्यवस्था में मंदी को दूर करने के लिए सरकार ने जो प्रयास किए हैं वो आर्थिक आंकड़ों के अनुसार काफी नहीं हैं। अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए जरूरत पड़ने पर सरकार बजट की घोषणाओं के अलावा और भी कदम उठाने को तैयार है।
नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था में मंदी को दूर करने के लिए सरकार ने जो प्रयास किए हैं वो आर्थिक आंकड़ों के अनुसार काफी नहीं हैं। अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए जरूरत पड़ने पर सरकार बजट की घोषणाओं के अलावा और भी कदम उठाने को तैयार है।
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वित्त मंत्री ने कहा,अगर बजट के अलावा और कुछ करने की जरूरत पड़ती है, हम उसे करने को तैयार हैं। बजट ऐसा है जिसका इक्विटी, बांड और मुद्रा बाजार निर्मला सीतारमण के मुताबिक 2020-21 का पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। वित्त मंत्री ने ‘बजट और उसके बाद’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में ये बातें कहीं।
परिचर्चा के दौरान पेशेवरों ने खपत बढ़ाने, ग्राहकों के पॉकेट में और पैसा डालने, नकदी बढ़ाने के लिये जरूरी उपायों और पूंजी बाजार के बारे में कई सुझाव दिये। इसके अलावा प्रत्यक्ष कर से संबद्ध विवादों के समाधान को लेकर लाई गई ‘विवाद से विश्वास’ योजना को लेकर भी कई सुझाव दिये गए।
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इस योजना की घोषणा 2020-21 के बजट में की गई है। वित्त मंत्री ने परिचर्चा में शामिल पेशेवरों को आश्वस्त किया कि उनका मंत्रालय सुझावों पर गौर करेगा। इस परिचर्चा बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और मुख्य कार्यपालक अधिकारी यानी( CEO )अमिताभ कांत शामिल थे। इसके अलावा वित्त मंत्रालय के सचिव भी उपस्थित थे।
बता दें कि सरकार ने एक फरवरी को पेश बजट में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने को लेकर कई कदमों की घोषणा की है। यह घोषणा ऐसे समय की गई है जब देश में कई कारणों से डिमांड में सुस्ती है वहीं चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) ग्रोथ रेट 5 फीसदी रहने का अनुमान है, जो 11 साल का न्यूनतम स्तर है।