×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

नवजात पोते के लिए 80 साल की दादी ने उठाया ऐसा कदम, बन गई मिसाल

झारखंड के रायडीह थाना क्षेत्र के सनियाकोना गांव की निवासी कलारा कुल्लु के पहले बेटे की कुछ महीने पहले ही मौत हो गई। फिर कुछ दिन बाद पोते को जन्म देने के दौरान बहू ने भी दम तोड़ दिया।

Aditya Mishra
Published on: 8 July 2019 3:44 PM IST
नवजात पोते के लिए 80 साल की दादी ने उठाया ऐसा कदम, बन गई मिसाल
X

रायडीह: भारत में दादी और पोते से जुड़ी आपने ढेरों कहानियां सुनी और पढ़ी होंगी। जिसमें एक दूसरे के प्रति दोनों के मोह को बताया गया है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी सच्ची घटना के बारें में बता रहे है।

जिसमें 80 साल की बुजुर्ग महिला ने अपने पोते को पालने के लिए अपनी बेशकीमती जमीन को बेच दी। मामला सामने आने के बाद से बाद से हर तरफ बुजुर्ग महिला के त्याग की मिसाल दी जा रही है।

ये भी पढ़ें...इनसे सीखें: 12 साल पुराने मामले में डीएम ने फरियादी की ऐसी की मदद, आप भी करेंगे सैल्यूट!

ये है पूरा मामला

झारखंड के रायडीह थाना क्षेत्र के सनियाकोना गांव की निवासी कलारा कुल्लु के पहले बेटे की कुछ महीने पहले ही मौत हो गई। फिर कुछ दिन बाद पोते को जन्म देने के दौरान बहू ने भी दम तोड़ दिया।

इसके बाद से नवजात पोते की सारी जिम्मेदारी दादी पर आ गई। घर की आर्थिक स्थिति इतनी ठीक नहीं थी। पोते के दूध के लिए पैसे नहीं थे। दादी से अपने पोते का दुख नहीं देखा गया और उसने अपनी थोड़ी बची जमीन बेच दी।

ये भी पढ़ें...इनसे सीखें, इस TTE से नहीं देखा गया महिला का दर्द, चलती ट्रेन में करा दी डिलीवरी

पोते की सेहत में सुधार

पोता गुमला सदर अस्पताल के कुपोषण केंद्र में भर्ती है। जानकारी के मुताबिक पहले वह कुपोषित था, लेकिन अब स्वस्थ है। कुपोषण केंद्र की प्रभारी नर्स की मानें तो जब दादी अपने पोते को लेकर यहां आई थीं, तब बच्चे की स्थिति काफी नाजुक थी। लेकिन, अब बहुत सुधार हुआ है। कुपोषण केन्द्र से निकलने के बाद बाल कल्याण समिति की ओर से बच्चे के पालन- पोषण की व्यवस्था की जाएगी।

ये भी पढ़ें...इनसे सीखें: एक ऐसी शिक्षिका जिसने बच्चों को पढ़ाने के लिए अपनी जेब से खर्च कर दिए 2.50 लाख रुपये

अपने लिए नहीं पोते के लिए जीना है

दादी कलारा कुल्लू ने कहा, 'मुझे अपनी परवाह नहीं है। पोते को जिंदा रखने के लिए जमीन बेच दी। जो भी पैसे आए, उससे दूध का खर्च चल रहा है। आगे के लिए कहीं से कोई मदद मिल जाती तो अच्छा होता। मैं उम्र के अंतिम पड़ाव पर हूं। आगे इसको कौन देखेगा। इसको लेकर चिंतित हूं। '

गुमला में 80 साल की एक दादी ने पोते के दूध के लिए अपनी जमीन बेच दी. दरअसल, बेटे- बहू की मौत के बाद दादी पर दूधमुहे पोते की जिम्मेदारी आ गई। पोता कुपोषित था, इसलिए उसको कुपोषण से बाहर निकालने के लिए दादी ने अपनी जमीन बेच दी और दूध का खर्च चलाया। पोता अब स्वस्थ है।



\
Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story