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Green Chilli Price Hike: तगड़ा झटका आम आदमी को, टमाटर के बाद अब मिर्ची का दाम 400 रूपये किलो तक पहुंचा
Green Chilli Price Hike: टमाटर वाला हाल ही मिर्च का भी होता नजर आ रहा है। विभिन्न सब्जी मंडियों में मिर्च की कीमतें 400 रूपये किलो तक पहुंच गई हैं।
Green Chilli Price Hike: देश की सब्जी मंडियां इन दिनों सुर्खियों में है। हरी सब्जियों और फलों की कीमतें खबरें बन रही हैं। पिछले काफी दिनों से टमाटर की कीमतें चर्चा का विषय बनी हुई हैं। कई राज्यों में सरकारों को सस्ते टमाटर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दखल देना पड़ा है। टमाटर वाला हाल ही मिर्च का भी होता नजर आ रहा है। विभिन्न सब्जी मंडियों में मिर्च की कीमतें 400 रूपये किलो तक पहुंच गई हैं। जिससे आम लोग परेशान हैं।
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टमाटर-मिर्च के साथ-साथ अन्य सब्जियां भी कीमत के मामले में रफ्तार पकड़े हुए है। आलू, प्याज, बैंगन, धनिया, अदरक जैसी जरूरी किचन आइटम की कीमतें पसीने छुड़ा रही हैं। बाजारों में इसकी खरीदारी काफी सीमित हो गई है। लोगों का कहना है कि सब्जियों की आसमान छूती कीमतों ने किचन का बजट गड़बड़ा दिया है। अब सब्जी मंडी में जाने से पहले सोचना पड़ता है।
मिर्च की कीमत हुई लाल
मिर्च के बिना सब्जी की कल्पना करना मुश्किल है। लेकिन इसके खुदरा मूल्य 400 के पार जाते नजर आ रहे हैं। देश की अधिकांश सब्जी मंडियों में हरी मिर्च की कीमत 350 से 400 रूपये प्रति किलो पर जा पहुंची है। राजधानी लखनऊ की सब्जी मंडियों में फिलहाल हरी मिर्च की कीमत 150 से 200 रूपये प्रति किलो के बीच है। वहीं, चेन्नई में यह 200 रूपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता मे तो हरी मिर्च ने 400 का आंकड़ा छू लिया है।
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कीमतों से जल्द राहत की उम्मीद नहीं
सब्जी व्यापार से जुड़े लोगों की मानें तो फिलहाल राहत की कोई उम्मीद नहीं है। आने वाले दिनों में सभी सब्जियों की कीमत में और इजाफा देखने को मिल सकता है। अगले 15 दिनों में कीमत और चढ़ेगी। 15 अगस्त के बाद कीमतों में नरमी आने की संभावना है। देश की सब्जी मंडियों में फिलहाल अधिकांश सब्जियों 100 रूपये प्रति किलो से ऊपर बिक रही हैं। टमाटर और हरी मिर्च की तरह अदरक की कीमतें भी 350-400 के करीब जा चुकी है।
कीमतों में क्यों लगी है आग ?
बरसात का मौसम हर बार अपने साथ गर्मी से राहत के साथ-साथ महंगाई का झटका भी लाता है। आमतौर पर मानसून के आने के साथ ही सब्जियों की कीमतें बढ़ने लगती हैं क्योंकि बारिश के कारण फसलों की आवक मंडी में कम हो जाती है। हरी मिर्च की बढ़ी हुई कीमतों के पीछे भी यही वजह है। मंडियों में हरी मिर्च की ज्यादातर सप्लाई आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से होती है। लेकिन बारिश के कारण फिलहाल इन राज्यों से माल मंडियां तक नहीं पहुंच पा रहीं, जिसके कारण डिमांड और सप्लाई में भारी अंतर पैदा हो गया है। बारिश के कारण फसलों को नुकसान भी हो रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार आंध्र में पैदावार भी कम हो गई। दरअसल,किसानों को पिछली बार नुकसान उठाना पड़ा था, इसलिए इस बार वो दूसरी फसलों पर शिफ्ट हो गए थे। बाजार में हरी मिर्च की नई फसल आने के बाद ही कीमतों में नरमी आने की संभावना है।