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गुजरात सरकार का बड़ा फैसला, बदला ड्रैगन फ्रूट का नाम, अब होगा ये
हमने ड्रैगन फ्रूट के पेटेंट को कमलम कहे जाने के लिए आवेदन किया है, लेकिन अब तक हम गुजरात सरकार ने फैसला किया है कि हम फल को कमलम कहेंगे।
गांधीनगर : गुजरात में अब ड्रेगन फ्रूट कमलम फ्रूट के नाम से जाना जाएगा। सीएम विजय रूपाणी ने आज ऐलान करते हुए कहा कि सरकार ने नए नाम की मान्यता के लिए दरखास्त भी कर दी है। सीएम विजय रूपाणी ने कहा कि कमल जैसा दिखने वाला ड्रेगन फ्रूट को कच्छ के किसानों ने कमलम नाम दिया है। अब गुजरात सरकार ने भी ड्रेगन फ्रूट को कमलम नाम दे दिया है और इस नाम को स्वीकृति दिलाने के लिए दरखास्त भी कर दी है।
ड्रैगन फ्रूट बनाम कमलम
कच्छ समेत गुजरात भर में इस फल की बड़े पैमाने पर खेती की जा रही है। कमल जैसे दिखने वाले फल का नाम ड्रेगन शोभा नहीं देता। इसलिए सरकार ने ड्रेगन फ्रूट को कमलम फल नाम देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा 'चीन के साथ जुड़े ड्रैगन फ्रूट का नाम हमने बदल दिया है। संस्कृत में कमलम का अर्थ है कमल। हाल के वर्षों में तेजी से लोकप्रिय ड्रैगन फ्रूट एक अनोखे रूप और स्वाद के साथ एक उष्णकटिबंधीय फल है।
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राजनीतिक नहीं
सीएम रुपाणी ने कहा कि 'भले ही यह फल ड्रैगन फ्रूट के रूप में जाना जाता है, यह उचित नहीं लगता। कमलम शब्द एक संस्कृत शब्द है और फल में कमल का आकार होता है, इसलिए हमने इसे कमलम कहने का फैसला किया है और इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है। सीएम के अनुसार, देश में कैक्टस के रूप में फल लंबे समय से हैं। रूपाणी ने कहा, 'कमलम शब्द से किसी को भी चिंतित नहीं होना चाहिए। बता दें कमल भाजपा का प्रतीक है और गांधीनगर में राज्य भाजपा मुख्यालय का नाम भी 'श्री कमलम' है।
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गुजरात सरकार का फैसला
मुख्यमंत्री बागवानी विकास मिशन के शुभारंभ के दौरान मंगलवार को मीडिया के साथ बातचीत करते हुए रूपाणी ने कहा, 'हमने ड्रैगन फ्रूट के पेटेंट को कमलम कहे जाने के लिए आवेदन किया है, लेकिन अब तक हम गुजरात सरकार ने फैसला किया है कि हम फल को कमलम कहेंगे।