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सरकार और किसानों में 10वें दौर की बैठक आज, ट्रैक्टर रैली पर SC में सुनवाई
प्रदर्शनकारी किसान कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हैं। तीनों कृषि कानून के मसले पर जारी किसान आंदोलन को लेकर आज काफी अहम दिन है। केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार यानी आज दसवें दौर की बातचीत होनी है।
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का हल्लाबोल जारी है। प्रदर्शनकारी किसान कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हैं। तीनों कृषि कानून के मसले पर जारी किसान आंदोलन को लेकर आज काफी अहम दिन है। केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार यानी आज दसवें दौर की बातचीत होनी है।
नौ दौर की बैठक रही बेनतीजा
अभी तक किसानों और सरकार के बीच नौ दौर की बैठक हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा ही रहे हैं। इस मसले पर न तो सरकार झुकना चाहती है और न ही किसान अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार हैं। किसान चाहते हैं कि तीनों कृषि कानून वापस लिए जाएं। वहीं केंद्र सरकार ने कहा है कि दोनों पक्ष जल्द से जल्द गतिरोध सुलझाना चाहते हैं लेकिन अलग विचारधारा के लोगों की संलिप्तता की वजह से इसमें देरी हो रही है।
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आज ट्रैक्टर रैली पर भी होगी सुनवाई
किसानों और सरकार की यह बैठक मंगलवार को ही होनी थी, मगर इसे आज के लिए अंतिम वक्त में टाल दिया गया था। इससे इतर आज ही सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई भी है, जिसमें किसानों की ट्रैक्टर रैली के मसले पर अदालत मामला सुनेगा। दरअसल, किसान संगठनों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है और दिल्ली पुलिस से इजाजत मांगी है। वहीं दिल्ली पुलिस ने खुद इजाजत ना देकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हालांकि, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इसपर फैसला लेने का काम पुलिस का ही है।
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सरकार की अपील पर ट्रैक्टर मार्च के मामले पर अब फिर सुनवाई हो रही है। सरकार का कहना है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर अगर ऐसे हजारों लोग दिल्ली में आएंगे, तो सुरक्षा व्यवस्था बाधित होगी। दूसरी ओर किसानों का कहना है कि वो परेड खत्म होने के बाद अपनी ट्रैक्टर रैली निकालेंगे और किसी को तकलीफ नहीं होगी।
दोपहर 2 बजे होगी बातचीत
आज दोपहर करीब 2 बजे किसान संगठन और सरकार के प्रतिनिधि की फिर बातचीत होगी। अबतक की नौ दौर की चर्चाओं में कुछ मुद्दों पर सहमति जरूर बनी है, लेकिन किसानों की सबसे बड़ी मांग तीनों कानून को वापस लेने की है। वहीं सरकार का कहना है कि वो कानून वापस नहीं लेगी। हालांकि, सिर्फ संशोधन कर सकती है।