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इस क्रिकेटर के करियर का हुआ था दर्दनाक अंत, जानिए साजिश या खुद फिक्सिंग का हुए थे शिकार

भारतीय क्रिकेट टीम को एक ऐसा ऑलराउंडर, जो ओपनिंग बल्लेबाजी भी करता था और ओपनिंग गेंदबाजी भी। वो कोई और नहीं मनोज प्रभाकर थे। जिनका आज जन्मदिन है। 15 अप्रैल, 1963 को गाजियाबाद में जन्मे मनोज प्रभाकर 57 साल के हो गए हैं।जानते हैं उनकी कुछ अहम बातें...

suman
Published on: 15 April 2020 4:34 AM GMT
इस क्रिकेटर के करियर का हुआ था दर्दनाक अंत, जानिए साजिश या खुद फिक्सिंग का हुए थे शिकार
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नई दिल्ली भारतीय क्रिकेट टीम को एक ऐसा ऑलराउंडर, जो ओपनिंग बल्लेबाजी भी करता था और ओपनिंग गेंदबाजी भी। वो कोई और नहीं मनोज प्रभाकर थे। जिनका आज जन्मदिन है। 15 अप्रैल, 1963 को गाजियाबाद में जन्मे मनोज प्रभाकर 57 साल के हो गए हैं।जानते हैं उनकी कुछ अहम बातें...

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करियर

प्रभाकर ने करियर में 39 टेस्ट, 130 वनडे इंटरनैशनल और 154 फर्स्ट क्लास मैच खेले। उन्होंने 8 अप्रैल 1984 को शारजाह में श्रीलंका के खिलाफ वनडे डेब्यू किया। वे एक शतक और 9 अर्धशतकों की मदद से 1600 रन बनाए, यही नहीं उन्होंने 96 विकेट भी अपने नाम किए. प्रभाकर ने 130 वनडे में 24.12 की औसत से 1858 रन ठोके, जिसमें उन्होंने दो शतक और 11 अर्धशतक लगाए।वनडे में प्रभाकर ने 157 विकेट हासिल किये।

मनोज प्रभाकर ने बाद में कई बड़े भारतीय क्रिकेटरों पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया। प्रभाकर ने तहलका मैग्जीन के साथ मिलकर कई भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों का स्टिंग ऑपरेशन किया मनोज प्रभाकर एक अनूठे क्रिकेटर रहे हैं, वर्ल्ड क्रिकेट में उनकी जैसी प्रतिभा बेहद ही कम खिलाड़ियों में रहे। वो ओपनिंग बल्लेबाजी और ओपनिंग गेंदबाजी करते थे। प्रभाकर ने अपने करियर में 39 में से 21 टेस्ट मैच और 45 वनडे मुकाबलों में ओपनिंग गेंदबाजी और ओपनिंग बल्लेबाजी की। हालांकि मनोज प्रभाकर ने अपने पूरे वनडे करियर में एक भी छक्का नहीं लगाया।

क्रिकेट का दर्दनाक अंत

मनोज प्रभाकर एक अच्छे क्रिकेटर थे लेकिन मनोज ने महज 32 साल की उम्र में रिटायरमेंट ले लिया ।उनके करियर का अंत जिस तरह हुआ वो बेहद दुखद है। 1996 वर्ल्ड कप में श्रीलंका के खिलाफ लीग मुकाबले में मनोज प्रभाकर ने बेहद ही खराब प्रदर्शन किया। प्रभाकर ने पहले बतौर ओपनर 36 गेंदों में सिर्फ 7 रन बनाए। इसके बाद उन्होंने 4 ओवर में 47 रन लुटा दिए और टीम इंडिया ये मैच हार गई। अपनी स्विंग के लिए मशहूर प्रभाकर की जयसूर्या ने इतनी धुनाई कर डाली कि वो ऑफ स्पिन गेंदबाजी करने लगे। इस मैच के बाद मनोज प्रभाकर को अगले मैच में मौका नहीं दिया गया और इस ऑलराउंडर ने तुरंत संन्यास का एलान कर दिया।

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फिक्सिंग में फंसे

प्रभाकर ने कई बड़े भारतीय क्रिकेटरों पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया। प्रभाकर ने तहलका के साथ मिलकर कई भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों का स्टिंग ऑपरेशन भी कर दिया। उन्होंने दावा किया कि भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में मैच फिक्स होते थे। प्रभाकर ने कपिल देव, रवि शास्त्री, सुनील गावस्कर, किरण मोरे और नवजोत सिंह सिद्धू जैसे खिलाड़ियों के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन किया और उन्हें कैमरे पर दिखाया।

मनोज प्रभाकर ने कई टेप अदालत को दिए लेकिन वो उल्टा खुद ही फंस गए। प्रभाकर को वेस्टइंडीज टीम के खिलाफ खुद मैच फिक्सिंग में शामिल पाया गया, जिसके बाद साल 2000 में उन्हें बीसीसीआई ने बैन कर दिय।. हालांकि साल 2006 में उनके ऊपर से बैन हटा लिया गया।

शादी

मनोज प्रभाकर ने 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री फरहीन से शादी की। शादी से पहले इन दोनों का 4 सालों तक अफेयर रहा। साल 1996 में प्रभाकर कांग्रेज के टिकट पर चुनाव भी लड़े लेकिन उन्हें हार मिली।

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