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चीन के डॉक्टरों को नहीं आ रही नींद, सता रहा ये बहुत बड़ा डर

कोरोना वायरस से संक्रमित लोग तो इस बीमारी से जूझ ही रहे हैं, लेकिन इनके अलावा वो भी इस बीमारी के चलते मानसिक रुप से बीमार हो रहे हैं, जो मरीजों की सेवा में दिन रात लगे हुए हैं।

Shreya
Published on: 15 April 2020 4:01 AM GMT
चीन के डॉक्टरों को नहीं आ रही नींद, सता रहा ये बहुत बड़ा डर
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। रोजाना तेजी से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इससे संक्रमित लोग तो इस बीमारी से जूझ ही रहे हैं, लेकिन इनके अलावा वो भी इस बीमारी के चलते मानसिक रुप से बीमार हो रहे हैं, जो मरीजों की सेवा में दिन रात लगे हुए हैं। एक स्टडी के मुताबिक, चीन में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे एक तिहाई मेडिकल स्टाफ को इंसोमनिया की शिकायत हो रही है। यानि मेडिकल स्टाफ को नींद नहीं आ रही है।

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मेडिकल स्टाफ को हो रही अनिद्रा की शिकायत

जिन मेडिकल स्टाफ को नींद ना आने की समस्या हो रही है, उनमें तनाव की भी संभावना है। इस अध्ययन में पता चला है कि मेडिकल स्टाफ के लोग संक्रमित मरीजों के ज्यादा नजदीक होते हैं। ऐसे में मेडिकल स्टाफ को भी ये डर लगा है कि कहीं वो भी कोरोना से संक्रमित ना हो जाएं। साथ ही अगर ऐसा होता है तो उनके परिवार और रिश्तेदार भी इसकी चपेट में आ जाएंगे। मेडिकल स्टाफ में यह डर इस कदर बना हुआ है कि वे अनिद्रा का शिकार होते जा रहे हैं और मन ही मन ये डर और गहरा होता जाता है।

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आमतौर पर यह बीमारी कुछ समय के लिए होती है, लेकिन...

इस स्टडी के सह लेखक और चीन की सदर्न मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बिन झांग के मुताबिक, आमतौर पर यह बीमारी (अनिद्रा) कुछ ही दिन के लिए रहती है। लेकिन अगर कोरोना वायरस लंबे समय तक टिका रहा तो यह बीमारी भी स्थायी रुप में बदल सकती है। इस स्टडी को 29 जनवरी से 3 फरवरी के बीच किया गया। इस स्टडी में 1 हजार 563 लोग शामिल थे। उस वक्त चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप अपने चरम पर था।

करीब 36.1 प्रतिशत लोगों में इस बीमारी के लक्षण देखे गए

साइंटिस्ट ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म WeChat का इस्तेमाल किया। लोगों से सवाल जवाब किए गए, जिसके जरिए इस बात को समझा गया। इस स्टडी में पाया गया कि करीब 36.1 प्रतिशत लोगों में अनिद्रा के लक्षण मौजूद हैं।

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