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Happy Onam : इसलिए मनाया जाता है ये त्योहार, बेहद खास है मान्यता
इस पूकलम के बीच त्रिक्काकरप्पन (वामन अवतार में विष्णु), राजा महाबली तथा उसके अंग रक्षकों की प्रतिष्ठा होती है जो कच्ची मिटटी से बनायीं जाती है।
तिरुवनंतपुरम : आज ओणम है। केरल का प्रमुख त्योहार होता है ओणम। यह त्योहार हर साल सितंबर में 10 दिनों तक मनाया जाता है। ओणम का त्योहार हर साल केरल में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। आज ओणम है इसलिए सभी लोग में अपने घर में पूजा करते हैं। आज केरल का सबसे काश त्योहार है, ऐसे में आज हम बताएंगे कि इस त्योहार का क्या महत्व है और ये क्यों मनाया जाता है।
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इसलिए मनाया जाता है ओणम
- ओणम का उत्सव सितंबर में राजा महाबली के स्वागत में हर साल आयोजित किया जाता है, जो 10 दिनों तक चलता है।
- उत्सव त्रिक्काकरा (कोच्ची के पास) केरल के एक मात्र वामन मंदिर से प्रारंभ होता है।
- इस त्योहार में प्रत्येक घर के आंगन में फूलों की पंखुड़ियों से सुन्दर सुन्दर रंगोलिया (पूकलम) डाली जाती हैं।
- युवतियां उन रंगोलियों के चारों तरफ वृत्त बनाकर उल्लास पूर्वक नृत्य (तिरुवाथिरा कलि) करती हैं।
- इस पूकलम का प्रारंभिक स्वरुप पहले (अथम के दिन) तो छोटा होता है परन्तु हर रोज इसमें एक और वृत्त फूलों का बढ़ा दिया जाता है।
- इस तरह बढ़ते बढ़ते दसवें दिन (तिरुवोनम) यह पूकलम वृहत आकार धारण कर लेता है।
- इस पूकलम के बीच त्रिक्काकरप्पन (वामन अवतार में विष्णु), राजा महाबली तथा उसके अंग रक्षकों की प्रतिष्ठा होती है जो कच्ची मिटटी से बनायीं जाती है।
- इस त्योहार के दौरान में नोका दौड जैसे खेलों का आयोजन भी होता है।
- ओणम एक सम्पूर्णता से भरा हुआ त्योहार है, जो सभी के घरों को ख़ुशहाली से भर देता है।
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