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टीचरों का घिनौना काम! लड़कियों को छुट्टी होने के बाद रोक लेते थे, फिर होता था ये...
लगभग 24 छात्राओं के साथ यौन शोषण वहीं के कुछ अध्यापक कर रहे थे यह मामला काफी चौंकाने वाला है। इस केस में पुलिस ने मंगलवार को छात्राओं के यौन शोषण के आरोपी लैब असिस्टेंट, फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर (पीटीआई) को अरेस्ट करके पॉक्सो कानून के तहत न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
नई दिल्ली: स्कूल में बच्चों को अभिभावक, स्कूल प्रशासन के भरोसे और विश्वास के आधार पर दाखिल करतें है ताकि बच्चों की पढ़ाई सही ढंग से हो सके। लेकिन यहां तस्वीर कुछ और ही सामने आ रही है।देश के प्राइवेट स्कूल हों या सरकारी हर जगह बच्चों का शारीरिक शोषण हो रहा है। कुछ इसीतरह की घटना हरियाणा राज्य के हिसार जिले के एक गांव में सरकारी स्कूल में हुई है।
पता चला है कि स्कूल में लगभग 24 छात्राओं के साथ यौन शोषण वहीं के कुछ अध्यापक कर रहे थे यह मामला काफी चौंकाने वाला है। इस केस में पुलिस ने मंगलवार को छात्राओं के यौन शोषण के आरोपी लैब असिस्टेंट, फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर (पीटीआई) को अरेस्ट करके पॉक्सो कानून के तहत न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। मामले का तीसरा आरोपी कंप्यूटर टीचर फरार बताया जा रहा है।
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बाल संरक्षण अधिकारी के पहल पर हुई गिरफ्तारी
इन छात्राओं के स्कूल में हो रहे यौन शोषण की शिकायत बाल संरक्षण अधिकारी सुनीता यादव ने की थी। सुनीता यादव के अनुसार, स्कूल के ये तीन टीचर अगस्त 2019 से कक्षा आठ से लेकर दसवीं तक की छात्राओं का यौन शोषण कर रहे थे।
प्रिंसिपल को थी जानकारी
सुनीता यादव ने पुलिस को बताया कि लड़कियों और उनके पैरंट्स ने स्कूल के प्रिंसिपल और गांव के मुखिया से इसकी शिकायत की थी लेकिन इन लोगों मामले का संज्ञान नहीं लिया। इसलिए इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके बाद सोमवार को जब खुद बाल संरक्षण अधिकारी स्कूल में गईं तब जाकर पूरे केस का खुलासा हुआ।
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शोषित लड़कियों ने लिखित दिया शिकायत
पुलिस को दी अपनी शिकायत में सुनीता ने कहा, 'मैं जब लीगल कम प्रोबेशन अफसर के साथ 16 दिसंबर को स्कूल पहुंची तो वहां 24 लड़कियों ने लिखित शिकायत में बताया कि स्कूल के लैब असिस्टेंट, पीटीआई और कंप्यूटर टीचर उनका यौन शोषण कर रहे थे। वे धमकी देते थे कि अगर पीड़ित छात्राओं ने अपना मुंह खोला तो उन्हें सजा दी जाएगी साथ ही परीक्षाओं में भी फेल कर दिया जाएगा।
स्कूल बंद होने के बाद लड़कियों को रोक लेते थे
छात्राओं ने कहा कि तीनों आरोपी टीचर उन्हें जल्दी स्कूल आने और देर से घर जाने को मजबूर करते थे। हिसार पुलिस ने जानकारी दी कि इन तीनों के खिलाफ आईपीसी की अन्य धाराओं के साथ पॉक्सो कानून के तहत भी केस चलेगा।
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स्कूल में नहीं था सीसीटीवी कैमरा
बाल संरक्षण अधिकारी का कहना है कि स्कूल का केवल 25 प्रतिशत परिसर ही सीसीटीवी कैमरे की जद में था। कंप्यूटर लैब, मैथ लैब साइंस लैब, वॉशरूम के आसपास का इलाका सीसीटीवी कवरेज में नहीं था। यहीं पर छात्राओं का यौन शोषण होता था।
केस की जांच कर रही सब इंस्पेक्टर सुशीला बाला का कहना है कि अरेस्ट किए गए आरोपियों को मंगलवार को कोर्ट में पेश करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस फरार कंप्यूटर टीचर की तलाश कर रही है।