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Haryana Nuh Violence: कौन है मोनू मानेसर, जिसके ईद गिर्द घूम रही हरियाणा सांप्रदायिक हिंसा की कहानी

Haryana Nuh Violence Update: बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा को लेकर मेवात रीजन में पहले से ही तनाव अंदर ही अन्दर खदबदा रहा था। इसकी सबसे बड़ी वजह गौरक्षक मोनू मानेसर को बताया जा रहा है।

Krishna Chaudhary
Published on: 2 Aug 2023 9:28 AM IST (Updated on: 2 Aug 2023 11:58 AM IST)
Haryana Nuh Violence: कौन है मोनू मानेसर, जिसके ईद गिर्द घूम रही हरियाणा सांप्रदायिक हिंसा की कहानी
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Haryana Nuh Violence Update (photo: social media )

Haryana Nuh Violence Update: सांप्रदायिक रूप से हरियाणा का संवेदनशील इलाका मेवात इन दिनों हिंसा की आग में धधक रहा है। नूंह समेत राज्य के कई जिले धार्मिक उन्माद की चपेट में हैं। सोमवार को हिंदूवादी संगठन बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा निकाली गई थी। इस यात्रा को नूंह जिले के एक मंदिर तक पहुंचना था। लेकिन इससे पहले ही बवाल हो गया। जुलूस में शामिल लोगों पर दूसरे समुदाय के द्वारा पत्थरबाजी करने के बाद हालात बेकाबू हो गए और देखते ही देखते पूरा नूंह शहर धू-धू कर जल उठा।

बृजमंडल जलाभिषेक यात्रा को लेकर मेवात रीजन में पहले से ही तनाव अंदर ही अन्दर खदबदा रहा था। इसकी सबसे बड़ी वजह गौरक्षक मोनू मानेसर को बताया जा रहा है। मोनू मानेसर ने यात्रा से कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी लोगों से अधिक से अधिक संख्या में इसमें शामिल होने की अपील की थी। इसके अलावा उसने खुद के शामिल होने का भी ऐलान किया था। जिस पर मुस्लिम बहुल नूंह जिले के लोग भड़क उठे। पुलिस से बचने के लिए किसी अज्ञात स्थान पर छिपे मोनू के नूंह आने की खबर ने मुस्लिम समुदाय में आक्रोश को भर दिया।

वे मोनू मानेसर को पहले से ही नाराज चल रहे थे। क्योंकि गौ तस्करी के लिए कुख्यात नूंह-मेवात रीजन में मोनू मानेसर ने पर मुस्लिम युवकों को परेशान करने का आरोप है। इसके अलावा उस पर गौ तस्करी में शामिल कुछ मुस्लिम युवकों की हत्या का भी आरोप है। इन सबको को लेकर यहां के मुस्लिम मोनू के आने को लेकर काफी गुस्से में थे और विरोध – प्रदर्शन की चेतावनी दे रहे थे। यही वजह है कि हरियाणा में हुई इस सांप्रदायिक हिंसा को मोनू मानेसर से ही जोड़कर देखा जा रहा है। तो आइए जानते हैं कि आखिर कौन है ये शख्स।

कौन है मोनू मानेसर ?

मोनू मानेसर हरियाणा खासकर गुरूग्राम - मेवात रीजन का एक चर्चित-विवादित चेहरा है। लंबे समय से बजरंग दल से जुड़े होने के कारण उसकी यहां जबरदस्त पैठ है। इसके अलावा सत्ता के गलियारे में भी उसकी धमक है। उसकी पहुंच का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि फरवरी में हुए भिवानी कांड में उसकी गिरफ्तारी के लिए राजस्थान पुलिस महीनों से हाथ-पैर मार रही है, लेकिन उसे दबोच नहीं पा रही है। मोनू इस दौरान किसी अज्ञात स्थान से सोशल मीडिया के जरिए अपने समर्थकों तक अपनी बातें पहुंचाता रहता है।

मोनू मानेसर का पूरा नाम मोहित यादव है। वह मानेसर का रहने वाला है, इसलिए वो अपने नाम में मानेसर लगाता है। 28 वर्षीय मोनू ने पॉलिटेक्निक कॉलेज से डिप्लोमा किया है। उसकी आय का मुख्य जरिया किरायेदारी है। मोनू का मानेसर में मकान है, जिसमें मजदूर किराए पर कमरा लेकर रहते हैं और इसी से उसका घर चलता है। बात करें परिवार की तो, मोनू के पिता ड्राइवर थे, बस और डंपर चलाते थे। मोनू खुद शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं। उसका एक छोटा भाई और बहन भी है।

2011 में बजरंग दल में हुआ था शामिल

मोनू मानेसर ने साल 2011 में हिंदूवादी संगठन बजरंग दल का दामन थामा था। तब से वह संगठन में लगातार आगे बढ़ रहा है। साल 2014 में हरियाणा में बीजेपी की सरकार आने के बाद उसके रूतबे में और इजाफा हुआ। मोनू राज्य में गौरक्षा का सबसे बड़ा चेहरा बन गया। वह खुद को बजरंग दल का गौरक्षक प्रांत प्रमुख बताता है। इतना ही नहीं गौहत्या के खिलाफ सख्त कानून बनाने वाली हरियाणा सरकार ने उसे गोरक्षा टास्क फोर्स का सदस्य बना दिया। बीते साल यानी 2022 में उसके कद में और इजाफा हुआ और उसे इस टास्क फोर्स का मुखिया बना दिया गया।

जमकर रहा है विवादों से नाता

मोनू मानेसर गौतस्करों के बीच जितना कुख्यात है, उतना ही एक तबके के बीच वह काफी लोकप्रिय भी है। सोशल मीडिया पर उसकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग इसका उदाहरण है। उसकी गिरफ्तारी के खिलाफ महापंचायत तक हो चुके हैं। मोनू का विवादों से भी बहुत गहरा नाता रहा है। सोशल मीडिया पर खतरनाक हथियारों के साथ उसकी तस्वीरें वायरल हो चुकी हैं। इसके अलावा वह महापंचायत में समुदाय विशेष के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी भी कर चुका है। मोनू ने कई मौकों पर सार्वजनिक कार्यक्रमों में मुसलमानों के खिलाफ खुलेआम जहर उगला है।

मोनू मानेसर का नाम सुर्खियों में पहली बार तब आया था, जब साल 2019 में उसने गो तस्करों का पीछा करने के दौरान उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। इस साल जनवरी में एक ऐसी ही घटना में नूंह के रहने वाले 21 वर्षीय वारिस नामक शख्स की मौत हो गई थी। 28 जनवरी 2023 को मोनू मानेसर की गोरक्षक टीम के साथ एक तस्वीर सोशल मीडिया पर आई थी। जिसमें वारिस, शौकीन और नफीस नामक तीन अन्य शख्स भी मौजूद थे। इन पर गोतस्करी का आरोप था। आरोप है कि मोनू के लड़कों ने इन्हें जमकर पीटा, जिसमें वारिस नामक तस्कर की मौत हो गई थी। हालांकि, मोनू ऐसे आरोपों से इनकार करता रहा

भिवानी कांड को लेकर मुश्किल में घिरा

मोनू मानेसर की सबसे अधिक चर्चा इस घटना के एक महीने बाद यानी फरवरी में हुए भिवानी कांड को लेकर होती है। दरअसल, 16 फरवरी को हरियाणा के भिवानी में एक जली हुई बोलेरो गाड़ी में पुलिस को दो कंकाल मिले थे। मृतकों की पहचान नासिर और जुनैद के तौर पर हुई थी। दोनों पड़ोसी राज्य राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले थे। दोनों को वहां से अगवा कर यहां लाया गया था। आरोप है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पहले उनका अपहरण किया और फिर उनकी हत्या कर लाश को जला दिया। इस मामले में राजस्थान पुलिस ने मोनू मानेसर समेत पांच लोगों को नामजद आरोपी बनाया है। हालांकि, वारदात के बाद से मोनू फरार चल रहा है। वह सोशल मीडिया के जरिए खुद को निर्दोष बताता फिर रहा है।

Krishna Chaudhary

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