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SC on Ordinance: केंद्र के अध्यादेश पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, संविधान पीठ के पास भेजा जा सकता है मामला
SC on Delhi Ordinance: केंद्र सरकार ने दिल्ली में नौकरशाहों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर एक अध्यादेश जारी किया था। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार लगातार इसका विरोध कर रही है।
SC on Delhi Ordinance: सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिए हैं कि, दिल्ली अध्यादेश का मामला संविधान पीठ (Constitution Bench) के पास भेजा जा सकता है। दिल्ली अध्यादेश मामले पर सोमवार (17 जुलाई) को सुनवाई के दौरान ऐसे संकेत मिले। शीर्ष अदालत ने 'नौकरशाहों पर नियंत्रण' से संबंधित इस अध्यादेश को संविधान पीठ को सौंप सकता है।
आपको बता दें, कि केंद्र सरकार द्वारा जारी 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023' की संवैधानिक वैधता को दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है। अदालत ने इस मामले की सुनवाई 20 जुलाई के लिए टाल दी है।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा, 'हम सर्विसेज को दिल्ली सरकार के नियंत्रण से बाहर करने वाले अध्यादेश को संविधान पीठ को सौंपना चाहते हैं।' चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि, अब तक सिर्फ तीन विषय दिल्ली सरकार के दायरे से बाहर थे। ये देखने की जरूरत है कि क्या इस तरह कोई नया विषय इस सूची में जोड़ा जा सकता है।' चीफ जस्टिस के इतना कहने पर दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने कहा कि, 'मुझे नहीं लगता कि मामला संविधान पीठ को भेजने की आवश्यकता है। मैं गुरुवार को इस पर अपना पक्ष रखना चाहूंगा।'
AAP सरकार ने अध्यादेश के खिलाफ लगाई है याचिका
दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) की केजरीवाल सरकार ने नौकरशाहों पर नियंत्रण से संबंधित 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023' की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए ये याचिका लगाई है। याचिका में अरविंद केजरीवाल सरकार की सहमति के बिना डीईआरसी अध्यक्ष (DERC Chairman) की नियुक्ति के उप राज्यपाल के फैसले को भी चुनौती दी गई है।
दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) की केजरीवाल सरकार ने नौकरशाहों पर नियंत्रण से संबंधित 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023' की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए ये याचिका लगाई है। याचिका में अरविंद केजरीवाल सरकार की सहमति के बिना डीईआरसी अध्यक्ष (DERC Chairman) की नियुक्ति के उप राज्यपाल के फैसले को भी चुनौती दी गई है।
Monsoon Session में पेश होगा बिल
शीर्ष कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने कहा कि, 'इसके बाद अध्यादेश पर भी सुनवाई है। ये मामला भी उससे जुड़ा है। 20 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। संसद सत्र में दिल्ली से जुड़े केंद्र के अध्यादेश को बिल के रूप में पेश किया जाएगा। केंद्र इसे संसद से पारित कराने की कोशिश की जाएगी। तब तक इंतजार करना बेहतर होगा।' सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई 20 जुलाई तक के लिए टाल दी है।
शीर्ष कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने कहा कि, 'इसके बाद अध्यादेश पर भी सुनवाई है। ये मामला भी उससे जुड़ा है। 20 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। संसद सत्र में दिल्ली से जुड़े केंद्र के अध्यादेश को बिल के रूप में पेश किया जाएगा। केंद्र इसे संसद से पारित कराने की कोशिश की जाएगी। तब तक इंतजार करना बेहतर होगा।' सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई 20 जुलाई तक के लिए टाल दी है।
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