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बाढ़ से मचा हाहाकार: टूट गए भारी-भरकम पूल और सड़कें  

मध्य प्रदेश में हुई भारी बारिश के बाद नीमच जिले के रामपुरा इलाके में हाहाकार मचा हुआ है । चंबल नदी पर बने गांधीसागर डैम का बैकवॉटर का पानी शहर में घुस गया है जिससे कई कॉलोनी और मुख्य बस स्टैंड पानी में डूब गए हैं । गांधी सागर डैम के बैकवॉटर को शहर में घुसने से रोकने के लिए बनाई गई रिंगवॉल का हिस्सा टूट गया था जिससे पानी रामपुरा में घुस गया है ।

SK Gautam
Published on: 4 May 2023 10:16 PM IST
बाढ़ से मचा हाहाकार: टूट गए भारी-भरकम पूल और सड़कें  
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नई दिल्ली: भारी बारिश के कारण मध्य प्रदेश लोगों का आम जीवन अस्त व्यस्त हो गया है जिसके कारण हाहाकार मचा हुआ है। राज्य के 30 से ज्यादा जिले इससे प्रभावित हो गए हैं । पुल और सड़कें टूट चुकी हैं यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। प्रदेश के मालवा अंचल में बाढ़ से हालात बेहद खराब हो गए हैं । नीमच, मंदसौर, झाबुआ में हालात बद से बदतर हो गए हैं । नीमच जिले में तो हालात यह हैं कि लोगो के घरों के छत तक यानी कि पहली मंजिल भी पानी में पूरी डूब चुकी है ।

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मध्य प्रदेश में हुई भारी बारिश के बाद नीमच जिले के रामपुरा इलाके में हाहाकार मचा हुआ है । चंबल नदी पर बने गांधीसागर डैम का बैकवॉटर का पानी शहर में घुस गया है जिससे कई कॉलोनी और मुख्य बस स्टैंड पानी में डूब गए हैं । गांधी सागर डैम के बैकवॉटर को शहर में घुसने से रोकने के लिए बनाई गई रिंगवॉल का हिस्सा टूट गया था जिससे पानी रामपुरा में घुस गया है ।

कई गाड़ियां, ट्रक और बस पानी में डूब गए हैं । घरों की दूसरी मंजिल तक बैकवॉटर का पानी पहुंच रहा है । प्रशासन ने मोहल्ले खाली कराना शुरू कर दिए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है । पूरे शहर में नाव चल रही है ।

बताया जा रहा है कि 9 फीट तक पानी में रामपुरा डूबा हुआ है । अस्पताल, दुकानें और रहवासी इलाकों में भूतिया सन्नाटा पसरा हुआ है ।

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तुम्बड नदी पर बना पुल बह गया है

वहीं, मध्य प्रदेश के मंदसौर में भी बारिश से हाहाकार मचा हुआ है । मन्दसौर से सुवासरा को जोड़ने वाला तुम्बड नदी पर बना पुल बह गया है । प्रशासन ने 117 गांव से 20, 000 लोगों को सुरक्षित बाहर निकालकर सुरक्ष‍ित जगहों पर भेज दिया है ।

एसपी हितेश चौधरी के मुताबिक कुल 1500 पुलिस के जवान, एनडीआरएफ, एसडीईआरएफ को इस काम के लिए तैनात किया गया था । मंदसौर में औसतन 32 इंच बारिश होती है मगर इस साल 77.44 इंच वर्षा हुई है जो मंदसौर के इतिहास में सबसे ज्यादा है । इसके पहले 1944 में मंदसौर में अधिकतम 62 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई थी ।

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मध्यप्रदेश के झाबुआ में भी बारिश कहर बनकर टूट रही है । जिले का थादंला कस्बा आफत की बारिश का सबसे बड़ा शिकार है । थादंला के बाजारों और सड़कों पर जब बाढ़ का पानी घुसा तो स्थानीय व्यापारियों का गुस्सा नगर परिषद पर फूट पड़ा और उन्होंने झील बनी बाजार की सड़कों पर चक्का जाम कर दिया ।

SK Gautam

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