Himachal Pradesh: 200 लोगों की मौतों से कांप उठा हिमाचल, दर्जनों लापता, कब रूकेगा बारिश का कहर!

Himachal Pradesh Report: राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जानकारी देते हुए बताया है कि हिमाचल प्रदेश में मानसून की शुरूआत के बाद से ही गुजरे 41 दिनों के दौरान करीब 200 लोगों की मौत हो गई है और 31 लोग लापता हो गए हैं।

Jugul Kishor
Published on: 4 Aug 2023 5:02 AM GMT (Updated on: 4 Aug 2023 5:03 AM GMT)
Himachal Pradesh: 200 लोगों की मौतों से कांप उठा हिमाचल, दर्जनों लापता, कब रूकेगा बारिश का कहर!
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सांकेतिक तस्वीर ( सोशल मीडिया)

Himachal Pradesh Report: हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में लगातार हो रही बारिश कहर बरपा रही है। मौसम विभाग के मुताबिक राज्य के लोगों को फिलहाल राहत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं। बारिश से हुए भूस्खलन और बाढ़ के कारण राज्य में सैकड़ों सड़कें बदं चल रही हैं। इस बीच राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जानकारी देते हुए बताया है कि हिमाचल प्रदेश में मानसून की शुरूआत के बाद से ही गुजरे 41 दिनों के दौरान करीब 200 लोगों की मौत हो गई है और 31 लोग लापता हो गए हैं।199 मौतों में से 57 मौतें भूस्खलने और बाढ़ के कारण हुई हैं। इसके अलावा 142 लोगों की मौत मानसून अवधित के दौरान सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुई है।

वहीं, मौसम विभाग के इस पूर्वानुमान के बाद उन लोगों की चिंताएं ज्यादा बढ़ गई है, जिनके घरों में भारी बारिश, बादल फटने व लैंडस्लाइड से नुकसान हुआ है। स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट आथोरिटी (एसडीएमए) के अनुसार अब तक 7,350 घरों को भारी बारिश और लैंडस्लाइड से नुकसान पहुंचा है। कई घरों में बड़ीबड़ी दरारें आ गई हैं। कुछ घर तो पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं। भारी बारिश की चेतावनी के बाद लोगों की चिंताएं बढ गई हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक राज्य अब तक 774 घर जमींदोज हो गए हैं। इसी तरह 254 दुकानें और 2237 गौशालाएं तबाह हो गई हैं। इसके साथ ही सैकड़ों की संख्या में लोग बेघर हो गए हैं। प्रदेश में अब तक लैंडस्लाइड की 76 बड़ी घटनाएं हुई हैं। वहीं, अचानक आई बाढ़ की 53 घटनाएं सामने आ चुकी है।

प्रदेश में सामान्य से 71 प्रतिशत ज्यादा हुई बारिश

हिमाचल प्रदेश में जुलाई महीने में हुई बारिश ने कई सालों के रिकार्ड तोड़ दिए हैं। प्रदेश में एक से 31 जुलाई तक 255.9 मिलीमीटर बारिश होती है। लेकिन, इस बार 437.5 मिलीमीटर की बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 71 प्रतिशत ज्यादा है। प्रदेश में साल 2010 के बाद पहली बार इतनी ज्यादा बारिश हुई है।

Jugul Kishor

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