TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

हिमालय पर घायल कैप्टन का मददगार बना हिममानव ‘येति’

भारतीय सेना ने हिमालय में बर्फ पर हिममानव 'येति' के रहस्यमयी पैरों के निशान देखे जाने का दावा किया है। सेना ने ट्विटर पर कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं, जिसमें पैरों के कुछ निशान देखे जा सकते हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 30 April 2019 5:36 PM IST
हिमालय पर घायल कैप्टन का मददगार बना हिममानव ‘येति’
X

नई दिल्ली: भारतीय सेना ने हिमालय में बर्फ पर हिममानव 'येति' के रहस्यमयी पैरों के निशान देखे जाने का दावा किया है। सेना ने ट्विटर पर कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं, जिसमें पैरों के कुछ निशान देखे जा सकते हैं।

हालांकि हिममानव के अस्तित्व को लेकर पहले भी कई बार चर्चा हो चुकी है। सबसे पहले साल 1832 में इसे देखे जाने का दावा किया गया था।

'येति' अक्सर किताबों, कॉमिक्स या फिल्मों में देखने को ही मिलते हैं। अब तो इस पर वीडियो गेम्स भी बना दिए गए हैं।

यह भी देखे: हिममानव केवल किस्से कहानियों में ही न​हीं अब उनके सबूत भी मिले

कहा जाता है कि 'येति' विशालकाय जीव हैं, जिनकी शक्ल बंदरों जैसी होती है, लेकिन वह इंसानों की तरह दो पैरों पर चलते हैं। 'येति' को देखे जाने के रोमांचक किस्से अक्सर सुने जाते रहे हैं। हालांकि इसे लेकर वैज्ञानिकों में एक राय नहीं है।

1925 में फोटोग्राफर और रॉयल जियोग्राफिकल सोसायटी के मेंबर एमए टोमबाजी ने लिखा था, कि उन्होंने जेमू ग्लेशियर के पास 15,000 फुट की ऊंचाई पर बालों से ढका एक विशाल प्राणी देखा। टोमबाजी ने बताया था, कि उन्होंने उसे लगभग 200 मीटर की दूरी से देखा और वे उसे एक मिनट तक देखते ही रहे। उसकी शारीरिक बनावट इंसान की तरह ही थी, लेकिन शरीर पर बहुत बाल थे।

यह भी देखे: आखिर किसके डर से रुकीं आतंकवादी घटनाएं ?

साल 1938 में जब विक्टोरिया मेमोरियल, कलकत्ता के क्यूरेटर कैप्टन ने अपनी हिमालय यात्रा के दौरान 'येति' को देखने का दावा किया।

इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि पहाड़ की ढलान पर वे घायल हो गए थे, तब एक आदी मानव जैसे दिखने वाले 9 फीट लंबे प्राणी ने उनकी मदद की थी। वह उन्हें उठाकर कई मील दूर गुफा में ले गया और काफी समय तक उनकी सेवा करता रहा। इस वजह से कैप्टन ने 'येति' को बहुत ही उदारवादी प्राणी बताया।

1960 में एवरेस्ट के विजेता सर एडमंड हिलेरी ने हिमालय पर 'येति' की खोपड़ी मिलने का दावा किया था। उन्होंने इसे जांच के लिए भेजा, तो उसमें पता चला कि वह खोपड़ी बर्फीले पहाड़ों पर पाए जाने वाली बकरी जैसे किसी जानवर की है। बावजूद इसके काफी लोगों ने इस रिपोर्ट पर विश्वास नहीं किया।

इसके बाद साल 1970 में एक पर्वतारोहण अभियान पर हिमालय पर ब्रिटिश पर्वतारोही डान व्हिलान्स ने बताया था, कि उन्होंने 'येति' के चिल्लाने की आवाजें सुनी हैं।

यह भी देखे: फानी तूफ़ान: जानें क्यों आते है चक्रवाती तूफ़ान?

2009 में एक फिल्म प्रोड्यूसर पियोत्रगोवाल्सकी ने भी येति को देखने का दावा किया। उन्होंने बताया, ''मैंने पोलैंड की पहाड़ियों पर येति को घूमते देखा है।वह बंदर जैसा दिखता है और उसके शरीर पर काफी बाल थे।''



\
Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story